लाइव न्यूज़ :

बिहार में RJD और JDU के बीच छिड़े पोस्टर युद्ध में अब सामने आया 'जिन्न', लालू से कहा- अब तेरी बातों में नहीं आने वाला

By एस पी सिन्हा | Updated: February 5, 2020 18:29 IST

Bihar: लालू यादव वर्ष 1990 से 2005 तक एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ-साथ अपने खास वोट बैंक यानी जिन्न की चर्चा करते थे. जिन्न यानी वो वोटर जो खुलकर लालू यादव का समर्थन नहीं करते थे. लेकिन जब मतदान होता था तो वही जिन्न लालू के पक्ष में मजबूती से खड़ा होकर उन्हें विरोधियों से आगे कर देता था. 

Open in App
ठळक मुद्देबिहार में राजद और जदयू के बीच जारी पोस्टर का युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. पटना में पोस्टर वार के जरिए विरोधियों पर निशाना साधने का सियासी खेल जारी है.

बिहार में राजद और जदयू के बीच जारी पोस्टर का युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों पार्टियों के बीच एक से बढ़कर एक पोस्टर देखने को मिल रहे हैं. पटना में पोस्टर वार के जरिए विरोधियों पर निशाना साधने का सियासी खेल जारी है. इस तरह से आए दिन राजद और सत्ताधारी जदयू पोस्टरों के जरिए एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं. 

यहां बता दें कि राजद ने जदयू पर वार करते हुए मंगलवार को पोस्टर जारी किया था, जिसमें एक पोस्टर में चुटीली कविता लिखी थी तो दूसरे पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें कुर्सी के प्यारे, बिहार के हत्यारे की संज्ञा दी गई थी. उस पोस्टर के जवाब में अब जदयू के द्वारा एक नया पोस्टर जारी किया गया है, जिसमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ एक जिन्न को दिखाया गया है. 

इस पोस्‍टर में जिन्न लालू यादव से यह कह रहा है कि 'अब तेरी बातों में नहीं आने वाला.' राजधानी पटना में कई जगह पोस्टर लगाये गये हैं, जिसमें लालू यादव और जिन्न की तस्वीर दिखाई गई है. तस्वीर में जिन्न लालू यादव से बोल रहा है कि अब दोबारा जिन्न लालू यादव के झांसे में नहीं आने वाला है. 

वहीं, इसी पोस्टर में दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास की तस्वीर दिखाई गई है, जिसमें विकास के साथ लालू यादव, राज वल्लभ यादव और शहाबुद्दीन जेल की दीवारों के पीछे दिखाए गए हैं. दरअसल, इस पोस्टर में जिन्न को दिखा कर लालू यादव पर हमला बोला गया है. इसके साथ ही पोस्‍टर के निचले हिस्से में कुछ लोग यह कहते नजर आ रहे हैं, 'क्‍या कीजिएगा, जब रखवाले ही चोरी करें, चोरी करके तुमसे ही सीनाजोरी करें.' 

पोस्‍टर पर नारा लिखा है, 'कहे बिहार सुनो भाई-बहनों, घोटालेबाजों के गुण तीन. मान हरे, धन संपत्ति लुटे और मति ले छीन.' पोस्टर की दूसरी तरफ कई तस्वीरें लगी हैं, जिसमें लिखा है-लो देख लो, इसके साथ ही कई तस्वीरें हैं, जिसमें से एक तस्वीर में लालू यादव और शहाबुद्दीन को जेल के अंदर दिखाकर दावा किया गया है कि राज्‍य में न्‍याय का राज है. इसके साथ ही बिहार में हो रहे विकास कार्यों की तस्वीरें हैं. 

यहां बता दें कि लालू यादव वर्ष 1990 से 2005 तक एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ-साथ अपने खास वोट बैंक यानी जिन्न की चर्चा करते थे. जिन्न यानी वो वोटर जो खुलकर लालू यादव का समर्थन नहीं करते थे. लेकिन जब मतदान होता था तो वही जिन्न लालू के पक्ष में मजबूती से खड़ा होकर उन्हें विरोधियों से आगे कर देता था. 

दरअसल, ये जिन्न होता था दलित और अतिपिछड़ा वोटर और इसी जिन्न को दोबारा लालू यादव की पार्टी राजद अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी हुई है. इस जिन्न को फिलहाल जदयू और भाजपा ने अपने पाले में कर रखा है. लेकिन राजद की इस कवायद से जदयू सावधान हो गया है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि विरोधी चाहे कुछ भी कर लें पोस्टर लगा लें, प्रचार कर लें लेकिन लालू यादव का जिन्न फिर से वापस लौट रहा है. 

वहीं, जदयू नेता और मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि जिस तबके को लालू यादव जिन्न कहा करते थे, उस जिन्न को लंबे समय तक लालू यादव ने ठगा है और अब ये जिन्न दोबारा लालू के झांसे में नहीं आने वाला है. लेकिन खबर है की लालू यादव जिन्न को वापस अपनी पार्टी की तरफ लाने के लिए जिन्न (दलितों और अतिपिछडों) को पार्टी में काफी तवज्जो देने जा रहे हैं, इसी वजह से जिन्न को लेकर राजद और एनडीए आमने-सामने हैं और पोस्टर के जरिए एक-दूसरे पर हमला बोला जा रहा है. 

कभी बिहार की राजनीति में 'जिन्न' शब्द चर्चा में बना रहता था. कहा जाता रहा है कि लालू यादव अपने इसी जिन्न के भरोसे बिहार की सत्ता पर करीब डेढ़ दशक तक शासन करते रहे. लालू के 'जिन्न' का मतलब अतिपिछड़े मतदाता हैं, जो बिहार के कुल मतदाताओं में करीब 23 प्रतिशत हैं. 

बता दें कि 90 के दशक में जब बैलेट पेपर पर चुनाव हुआ करता था, उस समय यह चर्चा रहती थी कि बैलेट बॉक्स से लालू का 'जिन्न' निकलेगा. हकीकत में भी उस दौरान बैलेट बॉक्स से लालू यादव का जिन्न भी निकलता था और उन्‍हें विजय मिलती थी. लालू का जिन्न कोई और नहीं बल्कि अतिपछड़े मतदाता थे. 

टॅग्स :आरजेडीजेडीयूलालू प्रसाद यादवनीतीश कुमारलोकमत समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारतबिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान गायब रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण