पुंछ मुठभेड़ः शहीद होने वाले जवानों की संख्या 9, पैरा कमांडो और लड़ाकू हेलिकाप्टरों का सहारा, एक्शन में आर्मी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 16, 2021 08:13 PM2021-10-16T20:13:18+5:302021-10-16T20:14:27+5:30
Poonch Encounter: पुंछ जिला अंतर्गत पड़ने वाले नाढ़ खास के घने जंगलों में वीरवार देर रात को जहां मुठभेड़ हुई थी, वहां से दो और जवानों के शव शनिवार को मिले हैं।
जम्मूः पुंछ में 7 दिनों से चल रही मुठभेड़ में जो दो सेनाधिकारी लापता हो गए थे, उनके भी शव मिल जाने के बाद इस मुठभेड़ में मरने वाले जवानों व अधिकारियों की संख्या बढ़ कर 9 हो गई है।
फिलहाल आतंकी भारी पड़ रहे हैं जिनके खात्मे के लिए पैरा कमांडो और लड़ाकू हेलिकाप्टरों का सहारा लिया जा रहा है जबकि उन पर छोटे तोपखानों से गोले भी बरसाए जा रहे हैं। पुंछ जिला अंतर्गत पड़ने वाले नाढ़ खास के घने जंगलों में वीरवार देर रात को जहां मुठभेड़ हुई थी, वहां से दो और जवानों के शव शनिवार को मिले हैं। इनमें एक शव लापता जेसीओ का बताया जाता है।
वह मुठभेड़ के बाद से ही लापता थे। अब यहां नाढ़ खास के जंगलों में शहीद होने वाले जवानों की संख्या चार हो गई। पहले शहीद हुए दोनों जवान उत्तराखंड के थे। आज जिनके शव मिले हैं, उनके बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक किए जाने का इंतजार है। जबकि रविवार को पांच जवान आतंकी हमले में मारे गए थे।
नाढ़ खास इलाके के जंगलों में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर वीरवार की देर रात को जवानों की एक टुकड़ी ने सर्च आपरेशन शुरू किया। इस दौरान पेड़ों की आड़ में पहले से घात लगाए आतंकियों ने जवानों पर हमला बोल दिया और वहां मुठभेड़ शुरू हो गई।
इस दौरान उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल निवासी राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और उत्तराखंड के ही पोखारी चमोली निवासी योगंबर सिंह गंभीर शहीद हो गए थे। हमले वाले दिन जेसीओ सहित जवान के शहीद होने की सूचना फैली। बाद में सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि शहादत पाने वाले दोनों जवान रायफलमैन थे। घना जंगल और पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से अभियान चलाने में काफी परेशानी हो रही है।
यह मुठभेड़ अब सातवें दिन में प्रवेश कर चुकी है। आतंकियों को मार गिराने को करीब 10 हजार जवान लगाए गए हैं। फिलहाल न ही यह जानकारी मिल पाई है कि कितने आतंकी हैं और न ही आतंकियों के शव मिलने पाने के कारण 4 से 6 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हो पाई है।