लखनऊ में राजनाथ को चुनौती देंगी शुत्रुघ्न की पत्नी पूनम सिन्हा, सपा के टिकट पर लड़ेंगी चुनाव
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 5, 2019 09:32 AM2019-04-05T09:32:40+5:302019-04-05T09:32:40+5:30
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, ''लखनऊ सीट से जितिन प्रसाद चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. लेकिन, उन्हें धौरहरा सीट से खड़ा होने के लिए मनाया गया. निर्धारित योजना के तहत कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन के लिए सात सीटें छोड़ने की बात कही थी, लखनऊ उनमें से एक होगी.''
भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा सपा के टिकट पर लखनऊ में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. सूत्रों के माने तो कांग्रेस ने भी पूनम का समर्थन करने का फैसला किया है. कांग्रेस की ओर से अपना उम्मीदवार खड़ा न करने की सूरत में इस सीट पर चुनावी मुकाबला राजनाथ और पूनम सिन्हा के बीच होगा. बताया जाता है कि पूनम को सपा में लाने की प्रक्रिया जारी और इसी के चलते शत्रुघ्न सिन्हा का कांग्रेस प्रवेश स्थगित करना पड़ा.
'शॉटगन' 28 मार्च को ही कांग्रेस में शामिल होने वाले थे. अब 6 अप्रैल को पार्टी से जुड़ेंगे. कांग्रेस उन्हें पटना साहिब से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के खिलाफ उतारेगी. कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, ''लखनऊ सीट से जितिन प्रसाद चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. लेकिन, उन्हें धौरहरा सीट से खड़ा होने के लिए मनाया गया. निर्धारित योजना के तहत कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन के लिए सात सीटें छोड़ने की बात कही थी, लखनऊ उनमें से एक होगी.''
सपा ने किया सीट का गुणा-भाग
सपा ने इस सीट पर अपना गुणा-भाग कर लिया है. लखनऊ में 3.5 लाख मुस्लिम वोटर्स के अलावा चार लाख कायस्थ वोट और 1.3 लाख सिंधी मतदाता हैं. पूनम सिन्हा सिंधी परिवार से आती हैं, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ हैं. इससे पूनम सिन्हा की उम्मीदवारी को मजबूती मिलेगी. भाजपा बोली, नहीं चलेगा बाहरी भाजपा महासचिव विजय पाठक ने पूनम सिन्हा पर बाहरी का ठप्प लगाते हुए कहा, ''वह मतदातओं पर कोई असर नहीं डाल पाएंगी. लखनऊ भाजपा का गढ़ रहा है और यह आगे भी रहेगा.
राजनाथ ने लखनऊ के विकास के लिए काफी काम किया है और यहां की जनता उन्हें पसंद करती है.'' 2014 के चुनाव में राजनाथ सिंह को लखनऊ सीट पर 1006483 वोट और दूसरे स्थान पर कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 288357 वोट मिले थे. हर बड़े मंत्री को घेरने की योजना कांग्रेस मोदी सरकार के हर बड़े मंत्री को पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है.
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भीम सेना के चंद्रशेखर आजाद 'रावण' का समर्थन, पटना साहिब में राजद के साथ मिलकर रविशंकर प्रसाद को घेरना हो या अब लखनऊ में राजनाथ को सीधी टक्कर देना. कांग्रेस कद्दावर नेताओं को पटखनी देने के लिए क्षेत्रीय या छोटे दलों पर भरोसा जता रही है, ताकि संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारकर मोदी सरकार की हार सुनिश्चित की जा सके.