Politics Of Bihar: "नीतीश की क्या गारंटी है वो एनडीए में रहेंगे, देखिए आगे क्या होता है", डीएमके ने जदयू प्रमुख की 'एनडीए वापसी' पर कसा तंज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 29, 2024 07:21 AM2024-01-29T07:21:24+5:302024-01-29T07:23:52+5:30
बिहार में नीतीश कुमार के दांव से एक तरफ तो भाजपा नीत एनडीए की बांछे खिली हुई हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमा नीतीश की जमकर लानत मलानत कर रहा है
चेन्नई:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और शाम होते-होते एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेकर बिहार की सत्ता के साथ-साथ अपनी पार्टी पर भी मजबूत पकड़ बनाये रखी। नीतीश के इस दांव से एक तरफ तो भाजपा नीत एनडीए की बांछे खिली हुई हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमा नीतीश की जमकर लानत मलानत कर रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार नीतीश द्वारा रविवार को आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट समेत तमाम दलों के साथ चल रही 18 महीने पुरानी सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार को धराशाई करने के बाद एनडीए में फिर से शामिल होने पर दक्षिण भारत की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी डीएमके ने भी जबरदस्त तंज कसा है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ डीएमके के नेता आरएस भारती ने नीतीश के एनडीए वापसी पर तंज कसते हुए कहा कि इस बात की क्या गारंटी है कि वह आगे भी लोकसभा चुनाव तक एनडीए में बने रहेंगे।
डीएमके नेता आरएस भारती ने कहा, "इस बात की क्या गारंटी है कि नीतीश संसद चुनाव तक एनडीए गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे? आइए इंतजार करें और देखें।"
वहीं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के संस्थापक की तरह थे और यह बहुत दुखद है कि उन्होंने विपक्ष के गठबंधन को छोड़ दिया।
उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन छोड़ दिया है, यह हमारे लिए बहुत दुखद है। वह विपक्षी गठबंधन के कप्तान की तरह थे। हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि ऐसी स्थिति क्यों हुई। उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जो इंडिया गठबंधन का समन्वय कर रहे थे।"
कांग्रेस नेता कृष्णम ने कहा, ''ऐसे नेताओं के खिलाफ एक्शन होना चाहिए, जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस बारे में जानकारी देने में फेल रहे।''
मालूम हो कि बीते रविवार को एक नाटकीय उलटफेर के बाद महागठबंधन और विपक्षी गुट इंडिया को छोड़कर भाजपा के साथ नई सरकार बनाने के बाद जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों के साथ नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। नई सरकार में बनाये गये मंत्रियों में भाजपा और जदयू से तीन-तीन, एक मंत्री हम से और एक निर्दलीय को शपथ दिलाई गई है।
शपथ लेने वाले मंत्रियों में भााजपा से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और प्रेम कुमार हैं। वहीं जदयू से बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार हैं, जबकि हम से जीतनराम माझी के बेटे संतोष सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह शामिल हैं।
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें फिर से राजभवन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में शपथ दिलाई। राज्य की राजनीति में उथल-पुथल के बावजूद नीतीश अपनी सीएम की कुर्सी बरकरार रखने में कामयाब रहे और यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी पार्टी जदयू बार-बार पलटने के कारण विभाजित न हो।