अपराधों का राजनीतिकरण, सरकार की कार्रवाई को चुनावी दृष्टि से देखना शांति के लिए खतरा : नवीन पटनायक
By भाषा | Published: February 20, 2021 10:35 PM2021-02-20T22:35:30+5:302021-02-20T22:35:30+5:30
भुवनेश्वर, 20 फरवरी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि सभी तरह के अपराधों का राजनीतिकरण और किसी निर्वाचित सरकार की कार्रवाई को चुनावी नजरिए से देखना देश की शांति एवं विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
मुख्यमंत्री ने यह बात नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में कही।
पटनायक ने कहा, ‘‘प्रत्येक अपराध का राजनीतिकरण किया जा रहा है, किसी निर्वाचित सरकार की प्रत्येक कार्रवाई को चुनावी दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। इस तरह का माहौल देश में विकास की गति और शांति के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह समय है जब देश इस चुनावी माहौल से बाहर निकले और निर्वाचित सरकारों को काम करने दिया जाए।’’
यह उल्लेख करते हुए कि किसी परिपक्व लोकतंत्र की विशेषता यह है कि एक बार निर्वाचित हो जाने के बाद सरकारों का कार्य लोगों के लिए काम करना होता है, पटनायक ने कहा, ‘‘यह समय है जब हम एक देश के रूप में इस बारे में गंभीर आत्मावलोकन करें कि क्या हम ऐसा कर पा रहे हैं।’’
विपक्षी भाजपा ने पटनायक के विचारों पर तीखी प्रतिक्रिया की और कहा कि उन्हें यह पता करने के लिए खुद को आइने में देखना चाहिए कहीं उन्होंने खुद तो इस तरह की चीजें नहीं की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के समक्ष उत्पन्न सभी बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए एकीकृत प्रतिक्रिया और समावेशी दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।
पटनायक ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी दुनिया के लिए चुनौती थी और भारत ने दिखा दिया कि एकीकृत प्रतिक्रिया से क्या संभव है। यूरोपीय देश और अमेरिका एकीकृत प्रतिक्रिया जैसा काम नहीं कर सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास हमें इस चीज के चलते याद रखेगा कि हमारे लोगों और देश को प्रभावित कर रहे मुद्दों को लेकर राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर हमारी क्या प्रतिक्रिया रही।’’
पटनायक ने महिला सशक्तीकरण, कुपोषण, कनेक्टिविटी, लैंगिक अनुपात में असंतुलन जैसे मुद्दे भी उठाए।
भाजपा के दिग्गज एवं नेता विपक्ष पी के नाईक ने पटनायक के विचारों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘सभी अपराधों का राजनीतिकरण करना किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं होता, लेकिन यदि जघन्य अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो और सरकार दोषियों को बचाए तो क्या विपक्षी दलों को चुप रहना चाहिए?’’
उन्होंने कहा कि पटनायक को खुद को आइने में देखना चाहिए कि कहीं उन्होंने स्वयं तो इस तरह की गलतियां नहीं की हैं।
वहीं, कांग्रेस ने कहा कि 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद पटनायक हमेशा खामोश रहे, शुक्र है कि अब उनकी आंखें खुल गई हैं।
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