बिहार में वर्दी पहनकर पुलिसकर्मियों के द्वारा रील्स बनाने पर रोक, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया दिशा-निर्देश
By एस पी सिन्हा | Updated: September 23, 2024 15:35 IST2024-09-23T15:35:31+5:302024-09-23T15:35:31+5:30
पुलिस मुख्यालय के द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दी गई है। अगर कोई पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बनाकर पोस्ट करता है तो आईटी एक्ट की धारा के तहत कार्रवाई हो सकती है।

बिहार में वर्दी पहनकर पुलिसकर्मियों के द्वारा रील्स बनाने पर रोक, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया दिशा-निर्देश
पटना: ड्यूटी के दौरान वीडियो अथवा रिल्स बनाने पर बिहार में अब पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मुख्यालय के द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दी गई है। अगर कोई पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बनाकर पोस्ट करता है तो आईटी एक्ट की धारा के तहत कार्रवाई हो सकती है।
दरअसल, आजकल ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा रिल्स और वीडियो बनाने का काम किया जाता है। पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो रिल्स पर भद्दे कमेंट्स भी कर रहे हैं। इसके बाद अब पुलिस महकमे में हड़कंप का माहौल कायम हो गया है।
पुलिसकर्मियों के द्वारा रिल्स बनाए जाने से पुलिस मुख्यालय नाराज है और पुलिस अधीक्षकों को ऐसे मामलों पर लगातार ध्यान रखने को लेकर सख्त दिशा निर्देश जारी किया गया है। पुलिस मुख्यालय द्वार दिशा-निर्देश जारी कर यह सूचना दी गई है। अगर कोई पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बनाकर पोस्ट करता है तो आईटी एक्ट की धारा के तहत कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस मैनुअल के मुताबिक यदि कोई पुलिसकर्मी निलंबित नहीं है तो उसे 24 घंटे ड्यूटी में माना जाता है। ऐसे में यदि वह कर्मी किसी भी प्रकार का वीडियो या रिल्स बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहा है तो यह पुलिस मैनुअल के सख्त खिलाफ है। इस तरह के मामलों में जिले के पुलिस अधीक्षकों के द्वारा पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है।
हाल की बात करें तो भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार समेत अन्य जिलों में पुलिसकर्मियों द्वारा रिल्स बनाकर सोशल मीडिया पर डाली गई थी। जिसके बाद अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई। जारी दिशा निर्देश के अनुसार पुलिस वालों को ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबिनार में भाग लेने से पहले वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेनी होगी।
उस चैट या लाइव प्रसारण में ऐसी कोई भी जानकारी साझा नहीं की जा सकेगी, जो विभागीय नियुक्ति के कारण हासिल हुई हो। ऐसी जानकारी तभी साझा की जा सकेगी, जब संबंधित अधिकारी, कर्मचारी इस कार्य के लिए अधिकृत हों। पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट, जांच में इस्तेमाल होने वाली तकनीक की जानकारी साझा करने पर भी रोक है।