जंगल में हैवानियत की शिकार लड़की का पुलिस ने नहीं सुना दर्द, कर ली आत्महत्या, हुई बड़ी कार्रवाई
By भाषा | Published: October 14, 2020 12:56 PM2020-10-14T12:56:33+5:302020-10-14T12:56:33+5:30
सामूहिक दुष्कर्म की शिकार दलित किशोरी के आत्महत्या कर लेने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने सदर कोतवाल और सरैयां पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक को शिथिलता बरतने के आरोप में बुधवार को निलंबित कर दिया है।
चित्रकूट। जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की शिकार दलित किशोरी के आत्महत्या कर लेने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने सदर कोतवाल और सरैयां पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक को शिथिलता बरतने के आरोप में बुधवार को निलंबित कर दिया है। चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकित मित्तल ने बताया, "मामले में प्रथम दृष्टया शिथिलता बरतने के आरोप में कर्वी सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) जयशंकर सिंह और सरैयां पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक (एसआई) अनिल साहू को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है।"
उन्होंने बताया, "मंगलवार रात चित्रकूटधाम परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण और जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।" एसपी ने बताया कि "सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में पूर्व ग्राम प्रधान के बेटे किशन उपाध्याय और उसके साथी आशीष व सतीश को मंगलवार की शाम ही गिरफ्तार कर लिया गया था।" मित्तल ने बताया कि गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए मंगलवार से ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है और पीड़ित परिवार ने 'अपनी सहमति' से आज पुलिस की मौजूदगी में मृत किशोरी का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया है।
गौरतलब है कि आठ अक्टूबर को जंगल में कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई 15 वर्षीय दलित किशोरी ने घटना का अभियोग न दर्ज किए जाने से क्षुब्ध होकर मंगलवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । पुलिस ने पीड़िता की मौत के बाद तीन युवकों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म (376डी) और आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा-306 के अलावा एससीएसटी एवं पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पूर्व पीड़िता के पिता ने जहां मामला न दर्ज करने का आरोप लगाया था तो वहीं पुलिस ने तहरीर न देने की बात कही थी।