CAA के खिलाफ कविता पढ़ने वाला पत्रकार रिहा, पूर्व CM कुमारस्वामी ने किया ऐसे समर्थन, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 21, 2020 01:21 PM2020-02-21T13:21:49+5:302020-02-21T13:21:49+5:30
कवि सिराज बिसरल्ली ने कोप्पल जिले के गंगावती में जनवरी में आयोजित ‘अनेगुंडी उत्सव’ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ कविता पढ़ी थी।
कर्नाटक में पिछले महीने एक सरकारी कार्यक्रम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कविता पढ़ने वाले पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद रिहा कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक पदाधिकारी की शिकायत के बाद ये गिरफ्तारियां की गयी थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि कवि सिराज बिसरल्ली ने कोप्पल जिले के गंगावती में जनवरी में आयोजित ‘अनेगुंडी उत्सव’ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ कविता पढ़ी थी और एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल के सम्पादक राजबक्सी ने उसे सोशल मीडिया पर साझा किया था।
यह मामला कर्नाटक विधानसभा में भी उठा और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने यह मुद्दा सदन में उठाया। कुमारस्वामी ने पूरी कविता पढ़ी और सवाल किया कि इसमें ऐसी क्या गलती है कि कवि को गिरफ्तार कर लिया गया। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एचडी कुमारस्वामी ने पत्रकार की कविता कर्नाटक विधानसभा में उस दौरान पढ़ी, जब कोप्पल की एक कोर्ट में पत्रकार व कवि सिराज बिसरल्ली के मामले की सुनवाई चल रही थी।
रिपोर्ट के मुताबिक रिहा होने के बाद पत्रकार सिराज बिसरल्ली ने कहा कि यह सुनकर अच्छा लगा कि उन्होंने (पूर्व सीएम कुमारस्वामी) ने कविता पढ़ी। उन्होंने कहा कि यह केवल कुमारस्वामी ही नहीं बल्कि जो लोग बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों के बारे में चिंतित है, उन्हें बोलना चाहिए।
जानें पूरा मामला
बता दें कि पुलिस ने भारती दंड संहिता की धारा 505 के तहत सिराज बिसरल्ली के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बिसरल्ली और राजाबक्सी ने मंगलवार (18 फरवरी) को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ सिराज ने कविता पढ़ी थी और राजबक्सी ने उसे सोशल मीडिया पर साझा किया था। भाजपा के एक नेता की शिकायत के आधार पर भादंस की धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया गया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वे इसके बाद फरार हो गए थे और मंगलवार को उन्होंने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया। ’’ इन दोनों ने अंतरिम जमानत मांगी थी। सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत की मांग की। इसके बाद अदालत ने बिसरल्ली और राजबक्सी को बुधवार दोपहर बाद तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने कहा, ‘‘ हम नए सबूत सामने आने तक शायद इसे (पुलिस हिरासत) आगे बढ़ाने की मांग ना करें। हमने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि उन्होंने किससे जानकारी साझा की है।’’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट)