चेन्नई/बेंगलुरु। पीएमके के संस्थापक नेता एस. रामदौस ने कई पत्रकारों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने पर चिंता जताते हुए मंगलवार को मीडिया संगठनों से आग्रह किया कि वे अपने कर्मचारियों की रक्षा करें। रामदौस ने साथ ही सुझाव दिया कि सरकार कोविड-19 संबंधी संवाददाता सम्मेलन करना बंद कर सकती है।
रामदौस ने चेन्नई में तीन पत्रकारों और मुंबई में 53 के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर रहकर मुकाबला कर रहे डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी और पुलिसकर्मियों के साथ ही मीडियाकर्मी भी कोरोना वायरस के खतरे का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पत्रकार, फोटो पत्रकार और टेलीविज़न चैनलों के कैमरामैन सहित 200 से अधिक लोग संवाददाता सम्मेलन के लिए एकत्रित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर इससे बचा जाए तो पत्रकारों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने की बजाय मीडिया घरानों को सूचना प्रेस विज्ञप्ति के जरिये पहुंचायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि टेलीविजन चैनल को वीडियो फुटेज चाहिए तो इसे सरकारी सूचना एवं जनसम्पर्क इकाई द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता है।
कोविड-19: कर्नाटक के मंत्री ने मुख्यमंत्री से पत्रकारों की जांच करवाने का आग्रह किया
महाराष्ट्र में 53 मीडिया कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने की खबर से चिंतित एक मंत्री ने मंगलवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से कर्नाटक के सभी पत्रकारों की जांच करवाने का आग्रह किया। सोमवार को कोविड-19 संबंधित नियमित ब्रीफिंग के दौरान, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार के समक्ष एक रिपोर्टर ने पड़ोसी राज्य में 53 पत्रकारों को संक्रमित पाए जाने का मुद्दा उठाया।
महाराष्ट्र में, 171 पत्रकारों को कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 53 को वायरस से संक्रमित पाया गया। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कुमार ने कहा कि कर्नाटक में भी इसी तरह से पत्रकारों की जांच होनी चाहिए। कुमार ने पत्र में लिखा, ‘‘पत्रकार चाहते हैं कि उनकी भी इस तरह की जांच की जाए। इसलिए आप कृपया लोगों के संपर्क में आए पत्रकारों की जांच कराने के लिए स्वास्थ्य और सूचना विभाग को तुरंत निर्देश दें।
कोविड-19 वैश्विक स्तर पर मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा बढ़ा रहा : पत्रकारिता अधिकार समूह
पत्रकारों की स्वतंत्रता एवं सूचना के अधिकार की रक्षा के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ‘रिपोटर्स विदआउट बॉर्डर्स’ ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस महामारी दुनिया भर में प्रेस की आजादी के लिए खतरा पैदा कर रही है।
वैश्विक मीडिया स्वतंत्रता के अपने वार्षिक मूल्यांकन में समूह ने मंगलवार को चेताया कि सरकारें इस स्वास्थ्य संकट को बहाना बना सकती हैं और ‘‘सामान्य समय में उठाए न जा सकने वाले कदम उठाने के लिए इस बात का लाभ उठा सकती हैं कि राजनीतिक गतिविधियां नहीं हो रही हैं, जनता परेशान है और प्रदर्शनों का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।’’
प्रेस की स्वतंत्रता के सूचकांक में उत्तर कोरिया सबसे निचले पायदान पर है। नॉर्वे 180 देशों एवं क्षेत्रों की रैंकिंग में 2019 की तरह शीर्ष पर है। भारत इस सूची में 142वें स्थान, पाकिस्तान 145वें स्थान और चीन 177वें स्थान पर है। रिपोर्ट में अमेरिका में प्रेस की स्वतंत्रता को ‘‘संतोषजनक’’ बताया गया है लेकिन ‘‘सार्वजनिक तौर पर निंदा, खतरे और पत्रकारों को परेशान करना गंभीर समस्या बना हुआ है’’। अमेरिका इस सूची में 45वें स्थान पर है।