PM Seciruty Breach: गृह मंत्रालय ने पंजाब के डीजीपी को जारी किया कारण बताओ नोटिस, जांच टीम ने किया घटनास्थल का दौरा
By विशाल कुमार | Published: January 8, 2022 07:34 AM2022-01-08T07:34:59+5:302022-01-08T07:42:46+5:30
बुधवार को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग बाधित किये जाने के चलते प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट फंसा रहा था, जिसके बाद वह पंजाब में किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना राज्य से वापस लौट आए थे। मोदी के इन कार्यक्रमों में एक रैली भी शामिल थी।
अमृतसर: बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में गृह मंत्रालय ने पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपने विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम के तहत पुलिस के महानिदेशक को दिए गए कानूनी दायित्वों का उल्लंघन किया है।
6 जनवरी को जारी किए गए इन नोटिस पर उप सचिव अर्चना वर्मा के हस्ताक्षर हैं और डीजीपी से 8 जनवरी को शाम 5 बजे तक जवाब मांगा गया है. नोटिस में लिखा है कि ऐसा न करने पर यह मान लिया जाएगा कि आपके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और जैसा उचित समझा जाएगा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इसी तरह का कारण बताओ नोटिस बठिंडा के एसएसपी अजय मलूजा और फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस को भी 5 जनवरी को जारी किया गया था।
बता दें कि, बुधवार को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग बाधित किये जाने के चलते प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट फंसा रहा था, जिसके बाद वह पंजाब में किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना राज्य से वापस लौट आए थे। मोदी के इन कार्यक्रमों में एक रैली भी शामिल थी।
नोटिस में वर्मा ने कहा है कि वीवीआईपी धरना स्थल से महज 100 मीटर पहले फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे। यह वीवीआईपी की सुरक्षा में एक बहुत ही गंभीर और पूरी तरह से टाले जा सकने वाली चूक थी। इस चूक के कारण, वीवीआईपी को गंभीर सुरक्षा जोखिम का सामना करना पड़ा और कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा और उन्हें भटिंडा हवाई अड्डे पर वापस लौटना पड़ा। यह पूरी तरह से साफ है कि 1 और 2 जनवरी को एएसएल की बैठकों में बताए गए सभी सुरक्षा चिंताओं पर पर्याप्त रूप से ध्यान दिए बिना रूट क्लीयरेंस दिया गया था।
नोटिस में आगे कहा गया कि और जबकि ब्लू बुक और स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार डीजीपी पंजाब के रूप में आपको वीवीआईपी की यात्रा के लिए सुरक्षा और रसद के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने और सुरक्षा बलों की आवश्यक तैनाती के साथ सड़क मार्ग से वीवीआईपी की आवाजाही के लिए आकस्मिक योजना बनाने के लिए अनिवार्य जिम्मेदारी दी गई है। यह साफ है कि अटेंडेंट सुरक्षा तैनाती के लिए एक आकस्मिक योजना या तो नहीं बनाई गई थी या जब आवश्यक हो तो उसे लागू नहीं किया गया था।
यह भी कहा गया कि अब तक उपलब्ध जानकारी से संकेत मिलता है कि विरोध स्थल पर पुलिस को निष्क्रिय पाया गया था। मौके पर मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी वीवीआईपी के काफिले की आवाजाही को सुगम बनाने के प्रयासों में अप्रभावी पाए गए। पूरे रास्ते में केवल मृतप्राय पुलिस की तैनाती देखी गई।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में ‘‘गंभीर चूक’’ की जांच कर रहा केंद्र का एक दल शुक्रवार को फिरोजपुर पहुंचा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की, जबकि राज्य सरकार ने केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया है कि घटना के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने बुधवार को मोदी के काफिले को बाधित करने वाले करीब 150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ फिरोजपुर में एक प्राथमिकी दर्ज भी की है।