विवादास्पद भारतीय इस्लामिक उपदेशक और आतंकी गतिविधियों का आरोपी जाकिर नाइक एक बार फिर चर्चा में है। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात के दौरान जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर कोई बात नहीं की थी। मलेशियाई मीडिया के अनुसार महातिर मोहम्मद ने यह बात उस समय कही जब उनसे जाकिर नाइक को भारत को लौटाने के संबंध में सवाल पूछे गये।
महातिर मोहम्मद ने कहा, 'बहुत से देश उसे नहीं चाहते। मैं प्रधामंत्री मोदी से मिला था। उन्होंने उसे लेकर कोई मांग नहीं रखी। यह आदमी (जाकिर नाइक) भारत के लिए भी एक मुसीबत है।'
साथ ही मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, 'जाकिर नाइक इस देश का नागरिक नहीं है। उसे पिछली सरकार से स्थायी नागरिकता मिली थी। स्थायी नागरिक को देश के सिस्टम पर टिप्पणी का अधिकार नहीं होता है। उसने इसका उल्लंघन किया इसलिए उसके बोलने पर रोक लगाई गई है।'
पीएम मोदी ने रूस यात्रा के दौरान मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात की थी। उस समय यह खबर आई थी कि पीएम मोदी ने नाइक के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया है। पीएम मोदी ने रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र में यहां पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) की पांचवीं बैठक के इतर मलेशिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी और महातिर की मुलाकात के बाद भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने तब बैठक की जानकारी देते हुए बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने महातिर से अपनी मुलाकात में नाइक के मलेशिया से प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया है। कट्टरपंथी उपदेशक नाइक 2016 में भारत से चला गया था और बाद में मुस्लिम बहुल मलेशिया में जाकर रहने लगा। उसे वहां स्थाई निवास की अनुमति मिली है।
नाइक भारत के अधिकारियों के लिए 2016 से कथित धनशोधन के मामले में और नफरत भरे भाषणों से आतंकवाद को भड़काने के मामले में वांछित है। पिछले 8 अगस्त को मलेशियाई हिंदुओं और चीनियों के खिलाफ नाइक के बयान के बाद उसके इस देश में किसी भी सार्वजनिक गतिविधि में शामिल रहने पर रोक लगा दी गयी है।