ये हैं पीएम नरेद्र मोदी के 9 रत्न, इनसे राय लेकर पीएम ने किए सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी जैसे फैसले
By पल्लवी कुमारी | Published: May 26, 2018 10:25 AM2018-05-26T10:25:03+5:302018-05-26T10:31:11+5:30
नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उनके नेतृत्व में एनडीए ने करीब लोक सभा चुनाव में प्रचण्ड बहुमत हासिल किया था। करीब तीन दशक बाद देश में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था।
नई दिल्ली, 26 मई: पिछले लोक सभा चुनाव में 'अच्छे दिनों' का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार ने शनिवार को अपना चार साल पूरा कर लिया है। नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। जब कभी भी केन्द्र में सरकार की बात आती तो सरकारी, गैर-सरकारी प्रचार माध्यमों हर तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी ही दिखाई देते हैं। देश की आम जनता को भले ही यह लगता हो कि मोदी जी देश से जुड़े सारे फैसले चाहे वह फिर कोई स्कीम हो या कोई नई कानून लाने की बात पीएम मोदी ही लेते होंगे लेकिन मोदी के पीछे उनके नवरत्न हैं, जो उनका हर काम संभालते हैं। बैकग्राउंड में काम करने वाले ये सारे लोग मोदी के मंत्री नहीं बल्कि अधिकारी हैं। जिनके दम पर पीएमओ ऑफिस का काम बिना किसी रूकवाट के चलता है। तो चलिए आपको बतातें है पीएम मोदी के नवरत्नों के बारे में...
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1. अजित डोभाल- इस कड़ी में पहला नाम आता है अजित डोभाल का, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार या एनएसए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। अजित डोभाल के सलाह के बिना पीएम मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित किसी भी मामलों में फैसला नहीं लिया जाता। पाकिस्तान में किए सर्जिकल स्ट्राइक का ऑपरेशन का भी आइडिया अजित डोभाल का प्लान था। अजित में पाकिस्तान में सात साल रहकर वहां भारत सरकार की जासूसी की है। डोभाल ने ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान एक रिक्शावाला बनकर खालिस्तानी तत्वों की सारी योजना का खाका बनाकर सरकार को दिया था।
2. नृपेंद्र मिश्रा- ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा 28 मई 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नियुक्त किए गए थे। उनकी नियुक्ति अत्यधिक चुनौती पूर्ण रही है थी। सरकार ने उस कानून को संशोधन करने के लिए अध्यादेश लागू किया है, जो मिश्रा को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने से रोक सकता था। 1945 में जन्मे श्री नृपेंद्र मिश्रा, उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। पीएम मोदी खुद नृपेंद्र जैसा बनने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम मोदी ने उनके साथ काम करने वाले नौकरशाहों की भी विशेषरूप से प्रशंसा की है।
3- पीके मिश्रा- ये पीएम मोदी के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी है। ये भी एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। पीके मिश्रा का काम अधिकारियों और सरकार के महत्वपूर्ण उपक्रमों का काम किन लोगों के हाथों में देना है, ये तय करना होता है।
4. प्रदीप कुमार सिन्हा- ऊर्जा सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा कैबिनेट सचिव हैं। प्रदीप सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में काम करते हैं। सिन्हा ने ही देश में जीएसटी कानून बनवाया और इसे प्रत्येक को समझाने का काम किया।
5.शक्तिकांत दास- ये पीएम मोदी के आर्थिक मामलों के सलाहकार हैं। विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करना इनका प्रमुख काम है। पीएम मोदी के नोटबंदी की नीति में इनका ही अहम योगदान है।
6. संजीव कुमार सिंगला- आईएफएस अफसर संजीप सुमार सिंगला पीएम नरेंद्र मोदी के प्राइवेट सेक्रेटरी हैं। सिंगला 1997 बैच के आईएफएस अफसर हैं। प्रधानमंत्री के निजी सचिव के रूप में नियुक्त होने से पहले सिंगला इजराइल में भारतीय राजदूत के रूप में नियुक्त थे।
7- अमिताभ कांत- ये नीति आयोग के सीईओ हैं। इसके पहले वह औद्योगिक नीति व प्रोत्साहन विभाग के सचिव थे। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा केरल कैडर के 1980 बैच के अधिकारी हैं। कैशलेस भुगतान के लिए भीम एप को लाने में भी इनकी प्रमुख भूमिका रही है।
8- हसमुख अधिया- अधिया गुजरात कैडर के 1981 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। ये पहले मोदी सरकार के राजस्व सचिव थे। बाद में इन्हे वित्त सचिव बनाया गया है। मोदी सरकार के किसी भी राजनीतिक-आर्थिक परिवर्तन, नोटबंदी के बारे में इन्हें पता था।
9- भास्कर खुल्बे- ये प्रधानमंत्री कार्यालय में वर्ष 2014 से एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर हैं। ये 1983 बैच के बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ये मोदी सरकार में जिम्मेदार और ईमानदार अधिकारियों को खोजने का काम करते हैं।