बाली: इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार से शुरू हुए G20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले दिन दुनिया भर के कई बड़े नेताओं से अनौपचारिक मुलाकात की। सम्मेलन शुरू होने से पहले पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से हल्के-फुल्के अंदाज में बात करते और हंसते नजर आए। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए और ठहाके भी लगाए। इस दौरान पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मेक्रो से भी मुलाकात की।
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से पहली मुलाकात
पीएमओ इंडिया की ओर से मंगलवार को ही एक ट्वीट किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में ब्रिटेन के नए पीएम बने ऋषि सुनक से भी गुफ्तगु करते नजर आ रहे हैं। दोनों नेताओं की ये अनौपचारिक मुलाकात रही। इससे पहले पूर्व के तय कार्यक्रम में ऋषि सुनक से अलग से द्विपक्षीय बैठक का कोई जिक्र नहीं है।
बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को आयोजित हो रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
हालांकि, प्रधानमंत्री चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे या नहीं, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है। अगर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी।
इससे पहले मंगलवार को शिखर सम्मेलन के आधिकारिक तौर पर शुरू होने से पहले इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘एक साथ उभरें, मजबूती से उभरें। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोका विडोडो ने जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा और स्वास्थ्य सहित समसामयिक वैश्विक चुनौतियों पर आज विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।’ इंडोनेशिया जी20 समूह का वर्तमान अध्यक्ष है। भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा।
जी20: पीएम मोदी ने दी दुनिया को कूटनीति के रास्ते पर लौटने की सलाह
जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ऊर्जा आपूर्ति पर किसी तरह के प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही दुनिया में स्थिरता सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए एक बार देशों को कूटनीति के जरिए यूक्रेन विवाद को सुलझाने पर भी जोर दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया में तबाही मचा दी है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला ‘‘चरमरा’’ गई है।
खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा पर बुलाए सत्र में पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत की ऊर्जा-सुरक्षा वैश्विक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए।’ इस सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई विश्व नेताओं ने हिस्सा लिया।
(भाषा इनपुट)