देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी घोटाले का नाम लिए इशारे-इशारे में कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये सरकार आर्थिक विषयों से संबंधित अनियमितताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रही है, करेगी और करती रहेगी। जनता के पैसे का अनियमित अर्जन, इस सिस्टम को स्वीकार नहीं होगा।'
पीएम मोदी ने वित्तीय संस्थानों के प्रबंधन व निगरानी निकायों से कहा है कि वे अपना काम पूरी कर्मठता से करें ताकि इस तरह के घपलों को रोका जा सके। प्रधानमंत्री नई दिल्ली में आयोजित बिजनेस समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आर्थिक गड़बड़ियां स्वीकार नहीं की जाएगी। दोषियों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय घोटाले पर सरकार की पॉलिसी जीरो टॉलरेंस की है।
ग्लोबल बिजनेस समिट में पीएम मोदी ने कही ये अन्य खास बातेंः-
- मैं उन लोगों से अपील करना चाहता हूं, जिन्हें नियम और नीतियां बनाने का काम सौंपा गया है। उन्हें नैतिकता बनाए रखने के लिए अपने काम को पूरी लगन और समर्पण के साथ करना चाहिए।
- इसका पालन उन लोगों को जरूर करना चाहिए जिन पर पर्यवेक्षण एवं निगरानी की जिम्मेदारी है।- बीते तीन-चार सालों में भारत ने आर्थिक विकास को मजबूत किया है। - इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के मुताबिक, 2013 के अंत में भारत की ग्लोबल जीडीपी 2.4 फीसदी थी जबकि आज चार साल बाद यह 3.1 फीसदी हो गई है।- सरकार वित्तीय गड़बड़ियां करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। हम उनके खिलाफ कठोर कदम उठाते रहेंगे।
PNB घोटालाः एक नजर में
पीएनबी ने 14 फरवरी को जानकारी दी कि उसके मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रांच में 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया। ये कर्ज पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए लिए गए।
जांच एजेंसियां घोटाला सामने आने के तुरंत बाद से ही उसकी संपत्तियों और ठिकानों पर कार्रवाई में जुटी हुई हैं। अब तक इस सिलसिले में 5716 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। साथ ही नीरव को भारत लाने के लिए जरूरी कार्रवाई पर भी काम शुरू कर दिया गया है।