इंदौर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी संयंत्र 'गोबर-धन संयंत्र' का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बायो-सीएनजी संयंत्र की आधारशीला "अपशिष्ट से धन के सिद्धांत के तहत स्वच्छ शहरी स्थान" को रखना समाज के लिए एक सराहनीय प्रयास है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बायो-सीएनजी संयंत्र से ईधन बनाने की पहल इस समाज के लिए और हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि गांवों में घरों, जानवरों और खेतों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ "एक तरह से धन" के समान हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले दो वर्षों में देश के 75 नगर निगमों में ऐसे गोबर-धन बायो-सीएनजी प्लांट बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है और इस अभियान से भारत के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, स्वच्छ ऊर्जा के निर्माण में एक लंबा और सराहनीय सफर तय करेगा।
इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी के सोच के मुताबिक नगरपालिका ठोस कचरा आधारित गोबर-धन संयंत्र शहरी 'स्वच्छ भारत मिशन' 2.0 के तहत "कचरा मुक्त शहर" बनाने की दिशा में एक शानदार पहल है। इस मौके पर पीएम मोदी ने लगातार पांच साल तक स्वच्छता सर्वे में अव्वल आने पर इंदौर शहर की जनता की तारीफ भी की।
पीएमओ के मुताबिक गोबर-धन संयंत्र से प्रति दिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और 100 टन जैविक खाद का उत्पादन करने में क्षमता होगा। पीएमओ के अनुसार इस संयंत्र से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और उर्वरक के रूप में जैविक खाद के उत्पादन के साथ हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। वहीं इस प्लांट के जरिए एक साल में 1 लाख 30 हजार टन कार्बन डाइ आक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा।
इस बायो-सीएनजी प्लांट 'गोबर-धन' के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मध्य प्रदेश के गवर्नर मंगुभाई पटेल भी उपस्थित थे।