प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ये जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने ये बैठक 19 जून को शाम 5 बजे बुलाई है। बताया जा रहा है कि ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। पीएम सभी पार्टी के प्रतिनिधियों से इस हालात पर चर्चा करेंगे।
पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गये हैं। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएम मोदी ने ये बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है। उसके करीब 45 सैनिक या तो मारे गये हैं या फिर घायल हुए हैं।
झड़प की खबर मंगलवार को सामने आई थी। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी भी मौजूद थे। इसके अलावा देर रात भी सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें ताजा हालात पर चर्चा की गई।
रात करीब 10 बजे दिल्ली में हुई अहम बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख एमएम नरवणे मौजूद थे।
कांग्रेस ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी बताएं क्या हुआ
इस बीच कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने लगातार सरकार को इस मुद्दे को लेकर पूरी बात बताने को कहा है। कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शाहदत पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान में ‘चीन का उल्लेख नहीं होने’ पर बुधवार को सवाल किया और कहा कि ‘गुमराह करने’ के बजाय उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख की घटना पर कब बयान देंगे? सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘राजनाथ सिंह जी, चीन का नाम तक लिखने से भी क्या डर है? हमारे कितने सैनिक शहीद हुए हैं? आप ये क्यों नही बता रहे? क्या चीन ने हमारे सैनिक अगवा किए हैं?’
इससे पहले रक्षा मंत्री ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है। उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी जान न्यौछावर कर दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश अपने सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
(पीटीआई इनपुट)