पीएम मोदी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पूरी कर दिल्ली लौटे, दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 30, 2019 09:17 AM2019-10-30T09:17:29+5:302019-10-30T09:18:04+5:30
PM Narendra Modi: पीएम मोदी सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करके स्वदेश लौट आए हैं, इस यात्रा के दौरान भारत-सऊदी अरब के बीच हुए कई महत्वपूर्ण समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिन की सऊदी अरब यात्रा पूरी करके बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे। सऊदी की अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने फ्यूचर इनीशिएटिव इवेंस्टमेंट (FII) को संबोधित करने के साथ ही सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की।
अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलाजीज अल-सौद से मुलाकात के दौरान आतंकवाद की आलोचना और दोनों देशों के बीच सुरक्षा मामलों पर करीबी सहयोग की सराहना की।
पीएम मोदी का यात्रा के दौरान भारत-सऊदी अरब के बीच हुए 12 समझौते
इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योगों के सहयोग, नवीकरणीय ऊर्जा, सुरक्षा सहयोग और नागरिक उड्डयन सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में 12 समझौतों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
एफआईआई फोरम, जिसे 'दावोस इन द डेजर्ट' भी कहा गया, में प्रधानमंत्री ने 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी को हासिल करने के लक्ष्य के अलावा भारत को निवेशकों के लिए ज्यादा बिजनेस-फ्रेंडली बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा की गई पहलों की जानकारी भी दी।
FII का आयोजन 2017 से रियाद में क्षेत्र में सऊदी अरब को संभावित निवेश केंद्र के रूप में प्रोजेक्ट करने के लिए हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही स्थानीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बात की और कहा कि उनके देश का लक्ष्य 2024 तक रिफाइनिंग, पाइपलाइन और गैस टर्मिनल्स पर 100 बिलियन डॉलर निवेश करने का है।
पीएम मोदी ने सऊदी अरब के कई मंत्रियों से की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद, ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजीज बिन सलमान अल सऊद, श्रम और सामाजिक विकास मंत्री अहमद बिन सुलेमान अलराज़ी और पर्यावरण और कृषि मंत्री अब्दुलहाराज़ बिन अब्दुलमोहन अल फदली के साथ वार्ता की।
प्रधानमंत्री की सऊदी अरब की ये यात्रा उनकी सरकार द्वारा अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 को खत्म करने के निर्णय के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच हुई है।
भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों को पर विराम लगाने का एकतरफा प्रयास किया है और तब से कश्मीर मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण का प्रयास कर रहा है, लेकिन इससे उसे कुछ हासिल नहीं हुआ है।