"यूसीसी पर पीएम मोदी का बयान राजनीतिक स्टंट, अल्पसंख्यकों के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं", जेडीयू नेता केसी त्यागी का केंद्र पर तंज

By अंजली चौहान | Published: June 29, 2023 11:12 AM2023-06-29T11:12:23+5:302023-06-29T11:16:06+5:30

समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए बयानों के बाद विपक्ष का हमला तेज हो गया है।

PM Modi statement on uniform civil code a political stunt nothing to do with welfare of minorities JDU leader KC Tyagi taunts central government | "यूसीसी पर पीएम मोदी का बयान राजनीतिक स्टंट, अल्पसंख्यकों के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं", जेडीयू नेता केसी त्यागी का केंद्र पर तंज

फाइल फोटो

Highlightsसमान नागरिक संहिता कानून को लेकर जदयू ने साधा निशाना। केसी त्यागी ने पीएम मोदी के बयान को राजनीतिक स्टंट बताया।केसी त्यागी का कहना है कि जदयू को इससे असंतोष है।

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर दिए बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष अब केंद्र की बीजेपी सरकार पर लगातार तंज कस रही है। इसी कड़ी में बिहार की जनता दल यूनाइडेट के नेता केसी त्यागी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है।

जेडीयू के सी त्यागी ने बुधवार को एक बयान में कहा, "हमारी पार्टी इसे आगामी आम चुनावों के लिए एक 'राजनीतिक स्टंट' मानती है और उनके बयान का अल्पसंख्यकों के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है।"

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने समान नागरिक संहिता यूसीसी पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि यह हमेशा याद रखना जरूरी है कि हमारा देश विभिन्न धर्मों और जातीय समूहों के लिए कानूनों और शासन सिद्धांतों के संबंध में एक नाजुक संतुलन पर आधारित है। 

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है, आज यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। देश दो (कानूनों) पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है। ये (विपक्ष) लोग वोट बैंक की राजनीति खेल रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार, भारतीय संविधान का भाग 4, अनुच्छेद 44, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से मेल खाता है, जो राज्य के लिए अपने नागरिकों को पूरे भारत में एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) प्रदान करना अनिवार्य बनाता है।

इस कथन को लेकर केसी त्यागी ने कहा कि जेडी (यू) को पता है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य अपने सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्रदान करने का प्रयास करेगा।

यह खंड राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है, न कि धारा के तहत मौलिक अधिकार का। जबकि राज्य को यूसीसी लाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा प्रयास, स्थायी और टिकाऊ होने के लिए, इस तरह के कदम के पक्ष में व्यापक सहमति पर आधारित होना चाहिए, न कि ऊपर से आदेश द्वारा थोपा जाना चाहिए। 

जदयू नेता ने कहा कि यूसीसी लागू करने का कोई भी प्रयास, सामाजिक घर्षण पैदा कर सकता है और धार्मिक स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी में विश्वास का क्षरण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए मुसलमानों, ईसाइयों, पारसियों और हिंदुओं (बौद्ध, सिख और जैन सहित) के संबंध में ऐसे मामलों में लागू सभी मौजूदा कानूनों को खत्म करना होगा। राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के साथ ठोस परामर्श के बिना इतना कठोर कदम शायद ही उठाया जा सकता है।

Web Title: PM Modi statement on uniform civil code a political stunt nothing to do with welfare of minorities JDU leader KC Tyagi taunts central government

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