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क्या बंगाल भगवामय होने के लिए तैयार है, ये है मोदी-शाह का मेगाप्लान?

By विकास कुमार | Updated: February 2, 2019 18:32 IST

बीजेपी ने तेजी से बंगाल में अपने संगठन को खड़ा किया है. अमित शाह ने मिशन 23 तय किया है, जिसके तहत पहले अमित शाह और अब खुद पीएम मोदी ने मोर्चा संभाला है.

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अपने सरकार के अंतरिम बजट पेश होने के एक दिन बाद नरेन्द्र मोदी आज बंगाल की धरती पर पहुंचे हैं. पीएम मोदी की रैली में अप्रत्याशित भीड़ देखी गई. मोदी ने इसे लेकर विपक्ष पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि इस भीड़ को देखने के बाद पता चल रहा है कि आखिर क्यों उनके खिलाफ तमाम पार्टियां एकजुट हो रही हैं. पीएम ने इस रैली में चुन-चुन कर उन सभी मुद्दों पर निशाना साधा जिसकी चर्चा देश की राजनीति में आज आम हो गई है. उन्होंने कहा कि आज विपक्ष सीबीआई के इस्तेमाल की बात करती है, जबकि हक़ीकत है कि सबसे ज्यादा इस संस्था का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया गया. 

ममता बनर्जी पर सीधा निशाना 

नरेन्द्र मोदी इस रैली के दौरान बंगाल की जनता से भावुक अपील करते हुए दिखे. उन्होंने कहा कि जो नेता कल तक एक दूसरे से आंख नहीं मिलते थे वो आज मोदी को हटाने के लिए गले मिल रहे हैं. मोदी की इस रैली को लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल की जनता को अपने समर्थन में करने का एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है. बीजेपी को ऐसा लगता है कि इस बार प्रदेश की जनता ममता बनर्जी के शासन से उब चुकी है और वो नए विकल्प की तलाश कर रही है. बीजेपी ने तेजी से बंगाल में अपने संगठन को खड़ा किया है. अमित शाह ने मिशन 23 तय किया है, जिसके तहत पहले अमित शाह और अब खुद पीएम मोदी ने मोर्चा संभाला है. 

बंगाली अस्मिता का प्रवाह 

नरेन्द्र मोदी कई बार प्रणव दा के राजनीतिक व्यक्तित्व को बंगाल की राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़ चुके हैं. बंगाल में ममता बनर्जी को चौतरफा घेरने के लिए चुनाव से 100 दिन पहले चुनावी सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है. अमित शाह ने हाल ही में मालदा की रैली में नागरिकता संशोधन बिल का जिक्र किया था और कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार घुसपैठियों की सरकार है. 

अमित शाह का हिन्दू राष्ट्रवाद 

उन्होंने इसके साथ ही दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन का मुद्दा भी उठाया था और कहा था कि ममता राज में हिन्दुओं को अपना त्योहार भी नहीं मनाने दिया जा रहा है. नरेन्द्र मोदी बंगाली अस्मिता और अमित शाह हिन्दू राष्ट्रवाद को जगा रहे हैं जिसके जरिये बंगाल में 23 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है. हिंदी हार्टलैंड में चुनावी हार के बाद बीजेपी की नजर अब बंगाल, ओडिशा,असम और दक्षिण के राज्यों पर है ताकि उत्तर भारत की राजनीतिक नुकसान को पूरा किया जा सके. 

भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी को इस बार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का विकल्प के रूप में दिखना होगा क्योंकि ममता के राजनीतिक दबदबे को बंगाल में उखाड़ना आसान काम नहीं होगा. लेकिन अमित शाह और बंगाल बीजेपी ने भी इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने भाजपा ज्वाइन किया है और बीजेपी भी कई बंगाली हस्तियों को अपने साथ जोड़ने का काम कर रही है. सौरव गांगुली को भी पार्टी से जोड़ने की बात चल रही है. 

ममता बनर्जी भी अपने खिलाफ बीजेपी के सियासी बजिगारियों को समझ चुकी हैं इसलिए उन्होंने हाल ही में कोलकाता में महागठबंधन समागम बुलाया था. लोकसभा चुनाव से पहले अपने पॉलिटिकल परसेप्शन को मजबूत करने का खेल चल रहा है जिसमें सभी पार्टियां अपने सारे संसाधन को दांव पर लगा रही हैं.  

 

टॅग्स :ममता बनर्जीनरेंद्र मोदीअमित शाहभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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