प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले बयान दिया है। रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जब सितम्बर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जरा उन दिनों को याद कीजिये। भांति-भांति के कितने लोग मैदान में आ गये थे। पीएम मोदी ने कहा कि कैसे-कैसे इंटरेस्ट ग्रुप्स उस परिस्थितियों का अपने-अपने तरीके से फ़ायदा उठाने के लिए खेल रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे वो दिन बराबर याद है। जब भी उस दिन को याद करता हूं मन को खुशी होती है। न्यायपालिका की गरिमा को बहुत ही गौरवपूर्ण रूप से सम्मान दिया और कहीं पर भी गर्माहट का, तनाव का माहौल नहीं बनने दिया। एकता का स्वर, देश को, कितनी बड़ी ताकत देता है उसका यह उदाहरण है।'
पीएम मोदी ने कहा, 'एक तरफ़ दो हफ़्ते तक गर्माहट के लिए सब कुछ हुआ था, लेकिन, जब राम जन्मभूमि पर फैसला आया तब सरकार ने, राजनैतिक दलों ने, सामाजिक संगठनों ने, सिविल सोसाइटी ने, सभी सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों ने, साधु-संतों ने बहुत ही संतुलित और संयमित बयान दिए।'