जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पारित हो गया है। जिसके बाद प्रधानमंक्षी नरेन्द्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक फैसले के लिये ट्वीट कर बधाई दी है। इसके साथ ही संसद के बजट सत्र की समाप्ति पर पीएम मोदी ने अमित शाह, वेंकैया नायडू और ओम बिरला समेत 130 करोड़ देशवासियों को भी बधाई दी है। पीएम मोदी ने बधाई देने के लिए एक या दो ट्वीट नहीं बल्कि 5 भाषाओं में 48 ट्वीट किये हैं। पीएम मोदी अपने अधिकतर ट्वीट में अमित शाह और कश्मीर की जनता को बधाई ही दे रहे हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ऐतिहासिक क्षण, एकता और अखंडता के लिए सारा देश एकजुट, जय हिंद! हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए यह एक गौरव का क्षण है, जहां जम्मू-कश्मीर से जुड़े ऐतिहासिक बिल भारी समर्थन से पारित किए गए हैं।
एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा, 'हमारे गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के बेहतर जीवन को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके समर्पण और अथक प्रयासों से ही इन विधेयकों का पारित होना संभव हो पाया है। इसके लिए मैं अमित भाई को विशेष बधाई देता हूं!'
पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा,''संसद में जिस प्रकार विभिन्न पार्टियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर और वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सार्थक चर्चा की, उसने हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है। इसके लिए मैं सभी सांसदों, राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को बधाई देता हूं।''
एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा, ''इन विधेयकों का पारित होना देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि है। सरदार पटेल, जो देश की एकता के लिए समर्पित थे; बाबासाहेब अम्बेडकर, जिनके विचार सर्वविदित हैं; डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।''
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''संसद में जिस प्रकार विभिन्न पार्टियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर और वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सार्थक चर्चा की, उसने हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है। इसके लिए मैं सभी सांसदों, राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को बधाई देता हूं।''
पीएम मोदी ने कहा, वर्षों तक कुछ स्वार्थी तत्वों ने जम्मू-कश्मीर में इमोशनल ब्लैकमेलिंग का काम किया, लोगों को गुमराह किया और विकास की अनदेखी की।
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लाया गया संकल्प स्वीकार कर लिया गया है। बिल के पक्ष में 351 और विपक्ष में 72 वोट पड़े हैं। एक सांसद गैर मौजूद रहा जबकि कुल 424 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर विचार भी पारित कर दिया गया है। इस पर हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 366 और विपक्ष में 66 वोट पड़े। कुल 433 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया।