जब संवाद के लिए स्थान बनाया जाता है तो संघर्ष के लिए जगह नहीं बचती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

By भाषा | Published: September 7, 2019 12:18 AM2019-09-07T00:18:12+5:302019-09-07T00:18:12+5:30

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगोलिया में आयोजित ‘संवाद’ को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित कर रहे थे। ‘संवाद’ संघर्ष से बचने और पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए वैश्विक हिन्दू-बौद्ध पहल है।

PM Modi address to mongolia hindi samvad speak about Swami Vivekananda | जब संवाद के लिए स्थान बनाया जाता है तो संघर्ष के लिए जगह नहीं बचती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जब संवाद के लिए स्थान बनाया जाता है तो संघर्ष के लिए जगह नहीं बचती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Highlightsपीएम मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद ने भिन्न पंथों के बीच संघर्ष से बचने के लिए ‘संवाद’ की वकालत किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जब संवाद के लिए स्थान बनाया जाता है तो संघर्ष के लिए जगह नहीं बचती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वक्त में जब ‘संकीर्ण विचारधारा’ पैर फैला रही थी, भारतीय संस्कृति ने राष्ट्र हित और विश्व कल्याण के संतुलन का तरीका सिखाया।

प्रधानमंत्री मंगोलिया में आयोजित ‘संवाद’ को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित कर रहे थे। ‘संवाद’ संघर्ष से बचने और पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए वैश्विक हिन्दू-बौद्ध पहल है। ‘संवाद’ के इस विचार का प्रवर्तन प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने किया।

मोदी ने कहा, ‘‘ स्वामी विवेकानंद ने भिन्न पंथों के बीच संघर्ष से बचने के लिए ‘संवाद’ की वकालत किया। संवाद की प्रकृति दुराव की नहीं होती है, उसमें दूसरों के लिए भी बहुत जगह होती है, चाहे विचारों में मतभेद ही क्यों ना हो। जिस वक्त हम दूसरों के विचारों को स्वीकार करना और ‘संवाद’ तथा ‘चर्चा’ के लिए स्थान बनाना शुरू कर देते हैं, संघर्ष के लिए जगह खत्म हो जाता है।’’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है और भारत ने विश्व को अपना परिवार माना है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब हम इस सिद्धांत (वसुधैव कुटुंबकम) में विश्वास करते हैं तो हम संघर्ष के विषय में सोच भी नहीं सकते हैं। बल्कि ऐसे वक्त में जब संकीर्ण विचारधारा अपना सिर उठा रही है, हमारी संस्कृति राष्ट्रीय हित और विश्व कल्याण का संतुलन बनाए रखने का तरीका दिखाती है। इसके लिए हम महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हैं, जिन्होंने कहा था कि किसी के लिए भी राष्ट्रवादी बने बगैर अंतरराष्ट्रवादी बनना असंभव है।’’ 

Web Title: PM Modi address to mongolia hindi samvad speak about Swami Vivekananda

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