नई दिल्ली: प्रधानमंत्नी किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की 7वीं किस्त का इंतजार कर रहे 9 करोड किसानों के लिए खुशखबरी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस 25 दिसंबर को किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव को मोदी सरकार सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। आज किसान दिवस है और सुशासन दिवस पर किसानों के खाते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बटन दबाकर सीधे 18 हजार करोड रुपए ट्रांसफर कर देंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बुधवार को 313363 किसानों ने 20 राज्यों से तीनों कृषि सुधार बिलों के समर्थन में मोदी सरकार को हस्ताक्षर करके भेजे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में लोग कहते थे कि एक रूपया अगर किसान को देने के लिए जारी किया जाता है तो उसके पास 10 से 15 पैसे ही पहुंचते हैं। लेकिन मोदी सरकार किसानों के खाते में पूरे पैसे डाल रही है। जहां किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं है। दोपहर 12 बजे पीएम मोदी बटन दबाएंगे और अगले 2 घंटे में देश के 9 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए की रकम पहुंच जाएगी।
प्रधानमंत्नी किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को हर साल केंद्र सरकार की तरफ से नगद 6,000 सालाना दिए जाते हैं। केंद्र सरकार किसानों के इनकम दोगुनी करने के मकसद से उन्हें सीधे नगद पैसे मुहैया करा रही है। मोदी सरकार किसानों को चार माह में एक बार और साल में तीन बार 2,000 रु पए की किस्त दे रही है। तोमर ने कहा कि अभी तक केंद्र की ओर से किसानों को 96 हजार करोड रूपए का भुगतान किसान सम्मान निधि में कर चुकी है। देश में करीब 14 करोड किसान हैं। इनमें से 11 करोड 4 लाख किसानों ने पीएम किसान योजना के तहत अपने को रजिस्टर्ड कराया है। इनमें से 10.59 करोड किसानों को अभी तक पीएम सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। इस बार की किश्त में 1.59 करोड किसान ऐसे हैं जिन्हें एक किस्त मिली है। उनका आधार कार्ड बैंक खाते से नहीं जुडा हैत्रकृषि मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने केंद्र को अपने यहां के किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत लाभ देने के लिए धनराशि की मांग की है। लेकिन केंद्र सरकार से उन्हें बताया गया है कि किसान सीधे अपने को योजना में रजिस्टर्ड करा सकता है। पश्चिम बंगाल के करीब 22 लाख किसान अपने को पोर्टल पर रजिस्टर्ड करा चुके हैं। जिनका सत्यापन राज्य सरकार से मांगा गया है। इसमें किसान के खाते में सीधा केंद्र पैसे डालता है। जिस पर मुख्यमंत्री का तर्क था कि जिनके पास जमीन नहीं है हम उन किसानों को भी योजना का लाभ देना चाहते हैं। इसलिए हमें धनराशि दी जाए।