एलोपैथी के खिलाफ रामदेव के बयानों को लेकर चिकित्सक संघों ने याचिका दाखिल की
By भाषा | Updated: July 15, 2021 19:41 IST2021-07-15T19:41:02+5:302021-07-15T19:41:02+5:30

एलोपैथी के खिलाफ रामदेव के बयानों को लेकर चिकित्सक संघों ने याचिका दाखिल की
नयी दिल्ली, 15 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी के बीच एलोपैथी के खिलाफ बाबा रामदेव के बयानों से सार्वजनिक अशांति और दुष्प्रचार होने के आरोपों की सात चिकित्सक संघों की याचिका पर 19 जुलाई को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने चिकित्सक संघों के वकील को निर्देश दिया कि कथित दुष्प्रचार से संबंधित वीडियो प्रस्तुत करें।
याचिकाकर्ता संघों में ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तीन रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के चिकित्सकों का संघ आदि शामिल हैं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल, अखिल सिब्बल और वकील हर्षवर्धन कोटला ने चिकित्सक संघों का पक्ष रखा।
याचिकाओं में आरोप हैं कि रामदेव जनता को गुमराह कर रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं कि कोविड-19 से ग्रस्त अनेक लोगों की मृत्यु के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति जिम्मेदार है।
याचिका में चिकित्सक संघों ने कहा है कि रामदेव एलोपैथी उपचार और कोविड-19 रोधी टीकों की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आम जनता के दिमाग में संदेह पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने अनुरोध किया कि अगस्त में कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की आशंका को देखते हुए जरूरी हो गया है कि रामदेव के सतत दुष्प्रचार अभियान पर रोक लगाई जाए।
अदालत ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ रामदेव के बयानों के सिलसिले में तीन जून को दिल्ली चिकित्सक संघ की याचिकाओं पर समन जारी किये थे।
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