Phone Hacking Controversy: "सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान ले, बेहद गंभीर मामला है", राजद सांसद मनोज झा ने Apple विवाद पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 1, 2023 03:00 PM2023-11-01T15:00:02+5:302023-11-01T15:06:17+5:30
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने विपक्षी नेताओं के कथित फोन हैकिंग विवाद में कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को सीधे स्वतः संज्ञान लेकर मामले की तह तक पड़ताल करानी चाहिए।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने बुधवार को कथिततौर पर विपक्षी नेताओं के फोन हैकिंग के मामले में कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को सीधे स्वतः संज्ञान लेकर मामले की तह तक पड़ताल करानी चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सांसद मनोज झा ने कहा कि फोन हैकिंग मामले में सरकार की ओर से संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का दिया बयान बेहद कमजोर और तर्कहीन है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट सीधे मामले में संज्ञान ले।
उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार की ओर से मंत्री का बयान बहुत कमजोर और तर्कहीन लगा। आखिर यह धमकी केवल विपक्षी नेताओं को ही क्यों मिली? यह एक गंभीर मामला बनता है, इसलिए मैं तो चाहता हूं कि मामले में सुप्रीम कोर्ट दखल दे।"
सांसद मनोज झा से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने फोन हैकिंग विवाद पर कहा कि यह निर्विवाद रूप से सरकार प्रायोजित है और इससे सैकड़ों विपक्षी नेताओं के Apple फोन को खतरे में डालने प्रयास किया गया है।
पी चिदम्बरम ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, "यह निर्विवाद रूप से सच है कि सैकड़ों विपक्षी नेताओं के Apple फोन के साथ सरकार के इशारे पर छेड़छाड़ का प्रयास किया गया। आखिर केवल विपक्षी नेता ही क्यों? विपक्षी नेताओं के फोन में छेड़छाड़ से किसे दिलचस्पी होगी? उसके पहले पेगासस के मामले में भी संदेह की उंगली एक सरकारी एजेंसी की ओर इशारे करती है फिलहाल यह केवल एक संदेह है।"
चिदंबरम के अलावा इस मामले में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और इस उल्लंघन के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय एजेंसियां जिम्मेदार हैं।
टीएस सिंह देव ने कहा, "आज के दौर में नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और इस उल्लंघन के लिए केंद्रीय एजेंसियां जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है। कोई भी संविधान के प्रावधानों से बाहर नहीं जा सकता। अगर आप ऐसा कर रहे हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि आप तानाशाह के तौर पर काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि बीते मंगलवार को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सरकार उनके फोन की जासूसी करवा रही है और इस संबंध में Apple कंपनी से उनसे अलर्ट की सूचना भी मिली है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संगठन के महासचिवकेसी वेणुगोपाल, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, सांसद शशि थरूर, शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा और आप सांसद राघव चड्ढा सहित अन्य नेताओं का आरोप है कि उन्हें Apple से फोन में हैकिंग के संबंध में अलर्ट संदेश प्राप्त हुए हैं।
विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनके फोन में हुई सेंधमारी की कोशिश में मोदी सरकार का हाथ है। नेताओं ने अपने आरोपों को बल देने के लिए फोन पर प्राप्त Apple के चेतावनी संदेश के स्क्रीनशॉट को साझा किया है।
इस कारण से सत्तारूढ़ दल भाजपा और विपक्षी दल के नेताओं के बीच कथित फोन हैकिंग को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस बीच Apple ने विवाद के बाद आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि वह किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को खतरे की सूचनाओं को पुख्ता नहीं मानती है।