अलप्पुझाः केरल पुलिस ने अलप्पुझा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की रैली के दौरान एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित भड़काऊ नारेबाजी करने का वीडियो सामने आने के बाद सोमवार को मामले में प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने बताया कि उसने भारतीय दंड संहिता की धारा-153ए (विभिन्न धार्मिक समूहों में द्वेष को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ भादंसं की धारा-153ए के तहत प्राथिकी दर्ज की गई है। उन लोगों के समूह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है जिनके साथ लड़का रैली में शामिल होने आया था।’’
नारेबाजी पर भड़के भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन
वहीं नाबालिग द्वारा भड़काऊ नारेबाजी का कथित वीडियो सामने आने के बाद, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने सोमवार को कहा कि केरल ‘पहले का कश्मीर’ बनने की राह पर है। वडक्कन ने राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार और कांग्रेस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्हें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की ओर से, विशेष रूप से पंचायत स्तर पर राजनीतिक समर्थन मिलता है। उन्होंने कहा कि पीएफआई ने हिन्दुओं और ईसाइयों के विरुद्ध यह नारा लगवाने के लिए लड़के का इस्तेमाल किया कि “उन्हें अपने अंतिम संस्कार की तैयारी करनी चाहिए।” वडक्कन ने कहा, “कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के मारे जाने से पहले हम यह कई बार सुन चुके हैं और टुकड़े-टुकड़े गिरोह के मुंह से भी सुन चुके हैं। राष्ट्रविरोधी प्रकृति के कई प्रदर्शनों में भी यह कहा जाता है।” उन्होंने कहा, “दुखद किंतु सत्य है कि केरल पहले का कश्मीर बनने की राह पर है।”
पीएफआई ने 21 मई को ‘सेव द रिपब्लिक’ रैली आयोजित की थी
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर पीएफआई द्वारा 21 मई को आयोजित ‘सेव द रिपब्लिक’ रैली का एक वीडियो सामने आया है। रैली के दौरान एक लड़का एक व्यक्ति के कंधे पर बैठा हुआ था और कथित तौर पर भड़काऊ नारेबाजी कर रहा था। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि घटना का संज्ञान लेते हुए उसने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की है। लड़के द्वारा भड़काऊ नारेबाजी की विभिन्न हलकों में आलोचना की गई है। इस बीच, पीएफआई ने एक आंतरिक पत्र में कहा है कि इस तरह की नारेबाजी संगठन की नीति के खिलाफ है और वह इस मामले पर गौर करेगी।
संगठन ने कहा, हमने पहले से नारे तय कर रखे थे
पीएफआई के प्रदेश सचिव सी ए रउफ ने इस पत्र में कहा है, ‘‘हमने अलप्पुझा की रैली के लिए पहले से नारे तय कर रखे थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ रैली में पार्टी के हजारों लोग और अन्य शामिल हुए। हमने नारेबाजी करने वाले लड़के का वीडियो देखा है। रैली के आयोजकों ने इन नारों की अनुमति नहीं दी थी। भड़काऊ नारेबाजी करना हमारे संगठन की नीति नहीं है।’’ रउफ ने कहा कि आगे से इस तरह की चीजें ना हो इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। पीएफआई की रैली के कुछ घंटे पहले बजरंग दल ने अलप्पुझा में ‘शौर्य रैली’ निकाली जिसमें नारे लगाए गए कि ‘देश को राष्ट्रविरोधियों और सांप्रदायिक सोच वालों के हवाले नहीं किया जा सकता।’