कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं तबलीगी जमात के तकरीबन 3300 सदस्य, पृथक-वास में हैं कैद, हाई कोर्ट में याचिका दायर

By भाषा | Published: May 14, 2020 05:20 PM2020-05-14T17:20:05+5:302020-05-14T17:20:05+5:30

दिल्ली उच्च न्यायालय में करीब 40 दिन से विभिन्न पृथक-वास केंद्रों में रह रहे और जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए जाने के बावजूद वहां से बाहर नहीं निकाले गए तबलीगी जमात के तकरीबन 3,300 सदस्यों को छोड़ने को लेकर एक याचिका दायर की गई है। सम्भावना है कि शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवायी होगी।

Petition to the court to release about 3,300 tabligi Jamaat members from different habitat centers | कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं तबलीगी जमात के तकरीबन 3300 सदस्य, पृथक-वास में हैं कैद, हाई कोर्ट में याचिका दायर

इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना हैं।  (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsसामाजिक कार्यकर्ता सबीहा क़ादरी ने याचिका में आरोप लगाया है कि कई लोगों को अवैध तरीके से पृथक-वास केंद्रों में रखा गया हैवकील शाहिद अली के जरिए दायर की गई इस याचिका के अनुसार प्राधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने इसमें लापरवाही बरती है

नई दिल्ली: करीब 40 दिन से विभिन्न पृथक-वास केंद्रों में रह रहे और जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए जाने के बावजूद वहां से बाहर नहीं निकाले गए तबलीगी जमात के तकरीबन 3,300 सदस्यों को छोड़ने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना हैं। 

याचिका में प्राधिकारियों को 14 दिन की पृथक-वास अवधि के दिशा-निर्देश का पालन करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। इसमें यह पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की गई है कि क्या सदस्यों को लगातार रोक कर रखना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा क़ादरी ने याचिका में आरोप लगाया है कि कई लोगों को अवैध तरीके से पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और इन केंद्रों में रह रहे कई लोगों ने प्राधिकारियो को पत्र लिखे हैं लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया। 

वकील शाहिद अली के जरिए दायर की गई इस याचिका के अनुसार प्राधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने इसमें लापरवाही बरती है। इसमें कहा गया है कि पृथक-वास के नाम पर लगातार हिरासत में रखना न्यायोचित नहीं है और यह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है, ‘‘तबलीगी जमात के कुल 3,288 लोगों को पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और अभी तक वहां से किसी को छुट्टी नहीं दी गई है जबकि वे संक्रमित नहीं हैं और कई सदस्यों की लगातार आई तीन रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हो गई है।’’

इसमें पृथक-वास केंद्रों में संगठन के दो सदस्यों की मौत की जांच के लिए एक समिति गठित करने और अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने छह मई को कहा था कि पृथक-वास की अनिवार्य अवधि पूरी कर चुके तबलीगी जमात के वे सदस्य घर जा सकते हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के सदस्यों के कार्यक्रम में भाग लेने वाले कई लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद दिल्ली में कोविड-19 के मामले बढ़ गए थे, जिसके बाद इस सभा में शामिल हुए अन्य लोगों को पृथक-वास केंद्र में ले जाया गया था। 

Web Title: Petition to the court to release about 3,300 tabligi Jamaat members from different habitat centers

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