रेरा, गौतम बुद्ध नगर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

By भाषा | Updated: November 18, 2020 21:50 IST2020-11-18T21:50:04+5:302020-11-18T21:50:04+5:30

Petition challenging the order of Rera, Gautam Buddha Nagar, dismissed | रेरा, गौतम बुद्ध नगर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

रेरा, गौतम बुद्ध नगर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

प्रयागराज, 18 नवंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रीयल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण (रेरा), गौतम बुद्ध नगर के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी। इस मामले में पैरामाउंट गोल्फ फारेस्ट परियोजना के प्रवर्तक ने रेरा के आदेश को चुनौती दी थी।

अदालत ने व्यवस्था दी है कि एक ऐसी परियोजना जहां सभी विकास कार्य पूरे नहीं किए गए हैं, समापन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम अधिकारी के पास महज आवेदन करने से यह चालू परियोजना के दायरे से बाहर नहीं आ जाएगी जैसा रेरा कानून के नियम 2 (एच) के तहत परिभाषित है।

न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति डाक्टर वाईके श्रीवास्तव की पीठ ने पैरामाउंट लिमिटेड की ओर से अनिल कुमार गुप्ता द्वारा दायर रिट याचिका पर यह व्यवस्था दी।

याचिकाकर्ता पैरामाउंट गोल्फ फारेस्ट परियोजना की प्रवर्तक है। प्राधिकरण ने आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को 60 दिनों के भीतर ग्राहकों को अपार्टमेंट का कब्जा देने और परियोजना पूरा करने में विलंब पर ब्याज का भुगतान करने को कहा है।

याचिकाकर्ता ने इस आदेश को चुनौती दी थी।

इस मामले में प्रतिवादियों (ग्राहकों) ने याचिकाकर्ता से अपार्टमेंट बुक किए थे और याचिकाकर्ता ने 10 अगस्त, 2011 को उन्हें आबंटन पत्र जारी किए। हालांकि याचिकाकर्ता तय समय सीमा के भीतर परियोजना पूरी नहीं कर सका और अपार्टमेंट का कब्जा नहीं दे सका।

इसके परिणाम स्वरूप, ग्राहकों ने रेरा, गौतम बुद्ध नगर के पास इसकी शिकायत की और आरोप लगाया कि परियोजना पूरी करने में चार साल से अधिक की देरी की गई है और इन्होंने अपार्टमेंट के कब्जे और ब्याज पर अपना दावा पेश किया।

याचिकाकर्ता ने प्राधिकरण के समक्ष आपत्ति करते हुए कहा कि यह परियोजना “चालू परियोजना” की परिभाषा के दायरे में नहीं आती है जैसा कि उप्र रेरा, 2016 के नियम 2 के तहत परिभाषित है।

प्राधिकरण ने साक्ष्यों पर गौर किया और तकनीकी टीम द्वारा 7 जुलाई, 2019 को किए गए निरीक्षण में पाए गए तथ्यों पर भी ध्यान दिया तथा पाया कि परियोजना अभी अपूर्ण है और अग्नि शमन आदि के अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित कुछ अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल नहीं किए गए हैं। इसके बाद प्राधिकरण ने 18 अगस्त, 2019 को उक्त आदेश पारित किया।

अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और प्राधिकरण द्वारा दर्ज तथ्यों पर विचार करते हुए इस रिट याचिका को खारिज कर दिया।

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Web Title: Petition challenging the order of Rera, Gautam Buddha Nagar, dismissed

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