उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण स्थापित करने से पूर्व उच्च न्यायालय की अनुमति जरूरी

By भाषा | Updated: March 3, 2021 21:28 IST2021-03-03T21:28:41+5:302021-03-03T21:28:41+5:30

Permission of High Court required before establishing Uttar Pradesh Education Service Tribunal | उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण स्थापित करने से पूर्व उच्च न्यायालय की अनुमति जरूरी

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण स्थापित करने से पूर्व उच्च न्यायालय की अनुमति जरूरी

प्रयागराज, तीन मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी लखनऊ पीठ में अधिवक्ताओं की हड़ताल पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण की स्थापना से पूर्व उसकी अनुमति आवश्यक है। यह अधिकरण अधिवक्ताओं की हड़ताल का केंद्र बिंदु है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन और लखनऊ स्थित अवध बार एसोसिएशन के बीच अधिकरण की प्रधान पीठ की स्थापना को लेकर टकराव को संज्ञान में लेते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने कहा, “विधायिका 2021 का कानून बनाने की प्रक्रिया यदि चाहे तो पूरी कर सकती है, लेकिन वह शिक्षा अधिकरण की स्थापना इस अदालत से मंजूरी के बाद ही करेगी।’’

सरकार से अधिवक्ताओं की मांग के संबंध में बातचीत के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन और अवध बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का भी अनुरोध किया गया।

खंडपीठ ने पिछले 20 वर्षों के रिकॉर्ड देखने के बाद पाया कि इलाहाबाद में सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के अध्यापन और गैर अध्यापन कर्मचारियों के सेवा से जुड़े 1,88,632 मामलों को देखा गया जिसमें से 33,290 मामले लंबित हैं। इसी तरह, लखनऊ में 55,913 मामलों को देखा गया और 15,003 मामले लंबित हैं।

खंडपीठ ने सेवाओं के ऐसे मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए विशेष पीठों का गठन किए जाने का आदेश दिया और कहा, “उपलब्ध आंकड़ों को देखने के बाद हमारा मानना है कि विशेष पीठों का गठन कर सेवा से जुड़े इन लंबित मामलों को प्रभावी तरीक से घटाया जा सकता है। हालांकि, ऐसी पीठों के सुचारू ढंग से काम करने के लिए पहली आवश्यकता अधिवक्ताओं की सुनवाई में भागीदारी है।”

अधिवक्ताओं की हड़ताल इस बात को लेकर है कि यह अधिकरण प्रयागराज में स्थापित हो जहां उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ स्थित है या फिर लखनऊ में स्थापित हो जहां राज्य सरकार ने 2019 में इसे स्थापित करने का प्रस्ताव किया था।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक, 2021 को पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश किया गया जिसमें इस अधिकरण की दो पीठें- एक पीठ प्रयागराज में, जबकि दूसरी पीठ लखनऊ में स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।

हालांकि, अदालत का आदेश आने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी लखनऊ पीठ के अधिवक्ताओं ने आदेश का अध्ययन करने और इस मामले में आगे निर्णय करने के लिए बृहस्पतिवार को हड़ताल जारी रखने का निर्णय किया है।

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Web Title: Permission of High Court required before establishing Uttar Pradesh Education Service Tribunal

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