पीयूष जैनः स्कूटर से घूमता था, शादियों में बाथरूम का चप्पल पहनकर ही चला जाता था; पड़ोसियों ने इत्र कारोबारी के बारे में कही ऐसी-ऐसी बातें
By अनिल शर्मा | Published: December 28, 2021 02:28 PM2021-12-28T14:28:34+5:302021-12-28T15:16:16+5:30
पड़ोसियों की मानें तो पीयूष जैन एक साधारण स्कूटर पर घूमता था और शादियों में बाथरूम की चप्पल पहनकर ही चला आता था। कन्नौज के चिपट्टा इलाके में उनके पड़ोसी ने कहा कि पीयूष अपने पुराने बजाज सुपर स्कूटर पर ही शहर में घूमा करता था।
कन्नौजः कानपुर का इत्र कारोबारी पीयूष जैन इस वक्त सलाखों के पीछे है। पीयूष जैन के घर पर हुई छापेमारी में 194.45 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 23 किलो सोना, 600 किलो चंदन की लकड़ी बरामद हुई। कन्नौज में उसके पड़ोसी इस बात से हैरान हैं कि पीयूष उनके सामने खुद को एक कम महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में पेश करता था।
शादियों में बाथरूम की चप्पल पहनकर ही चला आता था पीयूष जैनः पड़ोसी
पड़ोसियों की मानें तो पीयूष जैन एक साधारण स्कूटर पर घूमता था और शादियों में बाथरूम की चप्पल पहनकर ही चला आता था। कन्नौज के चिपट्टा इलाके में उनके पड़ोसी ने कहा कि पीयूष अपने पुराने बजाज सुपर स्कूटर पर ही शहर में घूमा करता था। बकौल पड़ोसी, मैंने उसे कन्नौज में अन्य इत्र व्यवसायियों की तरह कारों में चलते हुए कभी नहीं देखा। वह शादियों में रबर से बने बाथरूम की चप्पलों में या कभी-कभी पजामे में जर्जर कपड़े पहनकर दिखाई चले आते थे।
पड़ोसी ने कहा कि पीयूष सामाजिक व्यक्ति नहीं हैं
एक अन्य पड़ोसी ने यहां तक कहा कि पीयूष सामाजिक व्यक्ति नहीं हैं। पड़ोसी ने बताया, वह बिल्कुल भी सामाजिक नहीं है, शायद ही पड़ोस में संबंध रखता है या बातचीत करता है। जब वह कन्नौज में था, तो वह और परिवार के अन्य लोग खुद तक ही सीमित रखते थे।
पिछले 15 वर्षों में जैन की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ
चिपट्टा के निवासियों ने बताया कि पहले की अपेक्षा पीयूष जैन की संपत्ति में काफी बदलाव हुआ है। पीयूष का परिवार यहां पीढ़ियों से रह रहा है। पिछले 15 वर्षों में उसकी संपत्ति की स्थिति बदली है। परिवार में दो कमरों का घर हुआ करता था जिसमें पीयूष और उनके दो भाई-बहनों का पालन-पोषण हुआ था।
पीयूष के दादा परफ्यूमरी में थे और पिता महेश चंद्र जैन एक केमिस्ट थे
पीयूष के दादा परफ्यूमरी में थे और पिता महेश चंद्र जैन एक केमिस्ट थे, जिन्होंने परफ्यूम कंपाउंड तैयार किया और अपने दो बेटों पीयूष जैन और अंबरीश जैन को फॉर्मूला दिया, जिन्होंने 2010 में अपनी कंपनी ओडोकेम केमिकल्स लॉन्च की थी। भाग्य ने उनका साथ दिया, पीयूष जैन और उनके भाइयों ने दो घर खरीदे और उन्हें एक में मिला दिया। घर में उसके पिता और स्टाफ के कुछ सदस्य रहते हैं।
कन्नौज में स्थित घर 700 वर्ग गज में फैला हुआ है
घर की डिजाइन इस तरीके से की गई है कि आसपास के घर के लोग नहीं देख सकते कि अंदर क्या है। इस समय परिवार के पास चार घर हैं, जिनमें से एक कन्नौज में 700 वर्ग गज में फैला हुआ है। इसके अलावा कानपुर के आनंदपुरी इलाके में एक घर है। पिछले कुछ दिनों में, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की पूरी कार्रवाई इन कन्नौज घरों पर केंद्रित है जहां पिछले 84 घंटों से 34 लोग बिना रुके काम कर रहे हैं।
एक्स-रे मशीन से की गईं दीवारों की जांच
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ से लाई गई एक्स-रे मशीन के माध्यम से जैन के घर की सभी दीवारों, जिनकी चौड़ाई सामान्य से अधिक है, को गुहाओं के लिए स्कैन किया जा रहा था। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसके अलावा एक बेसमेंट और 300 चाबियां एक करेंसी काउंटिंग मशीन के साथ मिली हैं, जिसका इस्तेमाल नियमित रूप से किया जाता था।
कानपुर के काकादेव पुलिस स्टेशन से बाहर निकलते समय जब पीयूष जैन से उनकी संपत्ति और उनके घर से मिली भारी नकदी के बारे में पूछा गया तो उसने कुछ भी नहीं कहा।