कर्नाटक सियासी संकट: स्पीकर बोले-कुमारस्वामी सरकार शक्ति परीक्षण प्रक्रिया समाप्त करे, मुझे बलि का बकरा ना बनाएं

By भाषा | Published: July 22, 2019 02:04 PM2019-07-22T14:04:51+5:302019-07-22T14:04:51+5:30

अध्यक्ष ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा।’’ उन्होंने इसपर भी जोर दिया कि विश्वास मत प्रक्रिया में और देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा जीवन सार्वजनिक है। जनता हमें देख रही है। अगर लोगों में यह विचार बन रह है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा।’’

"People Watching": Karnataka Speaker Nudges Coalition To Hold Trust Vote | कर्नाटक सियासी संकट: स्पीकर बोले-कुमारस्वामी सरकार शक्ति परीक्षण प्रक्रिया समाप्त करे, मुझे बलि का बकरा ना बनाएं

शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी।

Highlightsअध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि ‘‘चर्चा अब शुरू की जाए। सबकी नजर हम पर है। मुझे बलि का बकरा ना बनाएं। अपने लक्ष्य तक पहुंचें।’’ मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव रखा था।

कर्नाटक में 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के भविष्य का फैसला करने वाली विधानसभा की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए अध्यक्ष के. आर. रमेश ने सरकार से कहा कि वह शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सोमवार को पूरी करने के अपने वादे का सम्मान करे। सदन की कार्यवाही एक घंटा देरी से शुरू हुई। अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि ‘‘चर्चा अब शुरू की जाए। सबकी नजर हम पर है। मुझे बलि का बकरा ना बनाएं। अपने लक्ष्य तक पहुंचें।’’

उन्होंने इसपर जोर दिया कि यह प्रक्रिया सोमवार को समाप्त हो जानी चाहिए। मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव रखा था। गौरतलब है कि कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण राज्य की गठबंधन सरकार का भविष्य डांवाडोल लग रहा है। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुक्रवार को भी जारी रही और राज्यपाल द्वारा इसे समाप्त करने के लिए तय दोनों समय-सीमा का पालन नहीं हुआ।

राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

अध्यक्ष ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा।’’ उन्होंने इसपर भी जोर दिया कि विश्वास मत प्रक्रिया में और देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा जीवन सार्वजनिक है। जनता हमें देख रही है। अगर लोगों में यह विचार बन रह है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा।’’

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है। अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धरमैया से कहा, ‘‘व्हिप जारी करना आपका अधिकार है। उसका पालन करना विधायकों पर है। यदि मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं नियमों का पालन करते हुए फैसला लूंगा।’’ सिद्धरमैया ने व्हिप जारी करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए आदेश के संबंध में एक सवाल उठाया था। 

Web Title: "People Watching": Karnataka Speaker Nudges Coalition To Hold Trust Vote

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