लोग सड़क दुर्घटना में मर रहे हैं, सरकार में काम न करने वाले, बेकार पड़े निखट्टू अधिकारी जिम्मेदार, निकम्मे अफसर को बाहर फेंक दूंगाः गडकरी

By भाषा | Published: January 13, 2020 02:47 PM2020-01-13T14:47:41+5:302020-01-13T14:47:41+5:30

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऐसे अधिकारी जो फाइलें दबाकर बैठे रहते हैं और न तो खुद कोई फैसला करते है और न दूसरों को करने देते हैं उन्हें बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लालफीताशाही हर्गिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

People are dying in a road accident, those who do not work in the government, the slain officer responsible will be thrown out, the useless officer will be thrown out: Gadkari | लोग सड़क दुर्घटना में मर रहे हैं, सरकार में काम न करने वाले, बेकार पड़े निखट्टू अधिकारी जिम्मेदार, निकम्मे अफसर को बाहर फेंक दूंगाः गडकरी

उन्होंने इस परिदृश्य को ‘दुर्भाग्यूपर्ण और दर्दनाक’ करार दिया।

Highlightsगडकरी सड़क सुरक्षा से जुड़े संगठनों की बैठक में स्पष्ट कहा कि धैर्य की सीमा होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी जो समय पर निर्णय न कर सड़क सुरक्षा से समझौता करते हैं।मंत्री ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां आतंकवाद या नस्लवाद की वारदात से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय में काम न करने वाले और उसमें बाधक बने अधिकारियों को ‘बाहर का रास्ता दिखाने’ की चेतावनी दी है।

गडकरी ने कहा है कि ऐसे अधिकारी जो फाइलें दबाकर बैठे रहते हैं और न तो खुद कोई फैसला करते है और न दूसरों को करने देते हैं उन्हें बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लालफीताशाही हर्गिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गडकरी सोमवार को यहां सड़क सुरक्षा से जुड़े संगठनों की बैठक में स्पष्ट कहा कि धैर्य की सीमा होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी जो समय पर निर्णय न कर सड़क सुरक्षा से समझौता करते हैं या जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में गड़बड़ी या गलत सड़क इंजीनियरिंग के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां आतंकवाद या नस्लवाद की वारदात से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। उन्होंने इस परिदृश्य को ‘दुर्भाग्यूपर्ण और दर्दनाक’ करार दिया। सड़क मंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद भारत इस मामले में दुनिया में पहले नंबर पर है। यहां सड़क हादसों में मारे जाने वाले व्यक्तियों में 65 प्रतिशत 18 से 35 साल के बीच के होते हैं। गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार में काम न करने वाले, बेकार पड़े निखट्टू अधिकारियों को बारह किया जाएगा। किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होगी।

ऐसे अधिकारियों में संवेदना नहीं होती और उनमें निर्णय लेने की योग्ता नहीं होती। वे गलत डीपीआर तैयार करते हैं और बरसों तक फाइल दबाकर बैठते हैं। वे न तो खुद कोई फैसला करते हैं और न ही दूसरों को करने देते हैं। किसी के धैर्य की सीमा होती है।’’

गडकरी ने कहा, ‘‘इस साल हम प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़क बनाने लगेंगे। प्रधानमंत्री ने पूछा है कि जो लोग काम नहीं करते हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। ऐसे कितने लोगों को सेवानिवृत्त किया गया है। मैंने अपने सचिव से पूछा है कि काम नहीं करने वाले कितनों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।’’

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह चिंता की बात है कि हम सड़क सुरक्षा में पीछे हैं। उन्होंने कहा कि चांद और मंगल ग्रह तक पहुंचने का तरीका जानने वाले भारतीय सुरक्षित तरीके से घर या दफ्तर जाने का तरीका कोई नहीं ढूंढ पाते। सिंह ने युवाओं का आह्वान किया कि वे सोशल मीडिया मंचों मसलन व्हॉट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक का इस्तेमाल कर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। 

Web Title: People are dying in a road accident, those who do not work in the government, the slain officer responsible will be thrown out, the useless officer will be thrown out: Gadkari

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