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बिहार: कोरोना की दूसरी लहर में 20 से 39 साल के लोग सबसे अधिक प्रभावित, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

By एस पी सिन्हा | Updated: May 14, 2021 19:19 IST

पटना और आसपास के इलाकों बुजुर्गों में संक्रमण दर में इजाफा अलर्ट करने वाला है। अप्रैल की तुलना मई में 50 साल से ऊपर के लोगों में कोरोना संक्रमण दर करीब 9 फीसद बढ़ गई है।

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ठळक मुद्दे पूरे बिहार में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर रखा है।एक अप्रैल से अब तक कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है।18 से 44 वर्ष के युवाओं के वैक्सिनेशन की पहल सरकार ने शुरू कर दी है।

बिहार में कोरोना संक्रमण के जारी कहर में सबसे अधिक सक्रिये मामले राजधानी पटना में ही हैं। इस संक्रमण के सबसे अधिक शिकार 20 से 39 साल के नौजवान हुए हैं। इस आयु वर्ग के कुल 43.4 फसदी युवा अब तब संक्रमण की चपेट में आए हैं। हालांकि कोरोना की पहली लहर में भी युवाओं में संक्रमण अधिक था। तब उसके कई अन्य कारण भी थे। उस वक्त जांच की सुविधा भी बडे स्तर पर आरंभ में नहीं थी। ऐसे में 

आंकडों के अनुसार शून्य से 24 आयुवर्ग में संक्रमण में करीब 7 फीसद और 25 से 49 आयुवर्ग में भी लगभग तीन फीसद संक्रमण में कमी रिकॉर्ड की गई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के अंतिम सप्ताह में बच्चों और युवा वर्ग में संक्रमण दर 23 फीसद थी, जो घटकर 16.6 फीसद पहुंच गई है। 25 से 49 आयुवर्ग में सर्वाधिक 54 फीसद से गिरकर 51 फीसद हो गई है। 

जबकि 50 से 74 आयुवर्ग में 23 से 29 और 75 से 99 आयुवर्ग में 1.6 से बढकर 3.3 फीसद दर्ज की गई है। वहीं एक अप्रैल से अबतक कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। संक्रमित होने वालों में 25.4 फीसदी 20 से 29 साल के हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर संक्रमित होने वालों में 30 से 39 साल के हैं। कुल संक्रमितों में इनका प्रतिशत 18 है। सबसे कम 4.4 प्रतिशत 0 से 9 साल के बच्चे संक्रमित हुए हैं।

राज्य में कोरोना संक्रमितों में 25।7 फीसदी 40 से 59 साल के हैं। इनमें 40 से 49 साल के 14।4 फीसदी, जबकि 50 से 59 साल के 11.3 फीसदी व्यक्ति संक्रमितों में शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में अबतक मिले कोरोना संक्रमितों में 60 वर्ष से अधिक की उम्र के 14.4 फीसदी व्यक्ति शामिल हैं। वहीं 18 से 44 वर्ष के युवाओं के वैक्सिनेशन की पहल सरकार ने शुरू कर दी है। 

इसके साथ ही, युवाओं के कोरोना जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है। पटना स्थित एम्स में कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार के अनुसार नौजवानों में संक्रमण के सबसे अधिक प्रसार के दो कारण हैं। पहला, इनका अब तक टीकाकरण नहीं होना है। दूसरा सबसे प्रमुख कारण नौजवानों ने हमेशा की तरह कोरोना के दिशा निर्देशों के पालन में चूक की है। 

बिना मास्क के कहीं निकलना, हाथों को समय समय पर सेनेटाइज नहीं करना सहित अन्य लापरवाही इसमें शामिल हैं। वे आइसोलेशन में रहने को भी जल्दी तैयार नहीं होते हैं। ऐसे में वे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं और लोगों में भी संक्रमण फैला रहे हैं। ऐसे में अब ज्यादा जरूरी यह है कि इन लोगों का टीकाकरण की प्रक्रिया और तेजी से चलाया जाये।

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