नई दिल्लीः पेगासस जासूसी प्रकरण को लेकर आज दूसरे दिन भी संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ।
जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही अनेक बार स्थगित करने के बाद पूरे दिन के लिये स्थगित करनी पड़ी, लेकिन राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने बड़ी चतुराई से गतिरोध तोड़ने के लिए दोपहर बाद कोरोना पर चर्चा कराने को मंजूरी देकर सदन को चलाया।
लेकिन समूचे विपक्ष ने कल से दोनों सदनों को न चलने देने का फैसला किया है, जिसकी पुष्टि सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। संसद के अंदर हंगामे के साथ साथ संसद परिसर में गांधी प्रतिमा पर टीएमसी सहित अनेक दलों ने प्रदर्शन किया।
कांग्रेस सहित विपक्ष जेपीसी गठित कर जांच करने की मांग के साथ साथ सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी गठित कर जांच कराने की मांग कर रहा है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने सरकार से सीधा सवाल किया कि सरकार सीधे सीधे बताएं कि उसने एनएसओ से सॉफ्टवेयर खरीदा था कि नहीं।
शशि थरूर ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि यह गंभीर मामला है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। कपिल सिब्बल, मायावती, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, सीताराम येचुरी सहित अनेक नेताओं ने भी जांच कराने की मांग उठाई।
पेगासस के सहारे मोदी -शाह ने गिराई कर्नाटक सरकार
इस पूरे मामले में नया मोड़ उस समय आया, जब इस बात का खुलासा हुआ कि मोदी -शाह की जोड़ी ने पेगासस की मदद से पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा, तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, उप मुख्यमंत्री परमेश्वर, सिद्धारमैया, डी के शिवकुमार के फोन की जासूसी कर कांग्रेस -जेडीएस सरकार गिराने में लगे थे।
मल्लिकार्जुन खड़गे, डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया, रणदीप सुरजेवाला ने सीधा आरोप लगाया कि इसी जासूसी का सहारा लेकर कर्नाटक, अरुणाचल और मध्य प्रदेश की सरकारों को गिराया गया था। उनका आरोप था कि मोदी- शाह की जोड़ी प्रजातंत्र की हत्या कर रही है, जो न्यायधीशों ,सेना वरिष्ठ अधिकारीयों ,विपक्षी दलों के नेताओं ,पत्रकारों ,नौकरशाहों की जासूसी कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को तानाशाही में बदल रही है।