सीएम ममता बनर्जी कराएंगी पेगासस जासूसी मामले की जांच, कहा- केंद्र सरकार करा रही है सबकी जासूसी
By अभिषेक पारीक | Published: July 26, 2021 03:10 PM2021-07-26T15:10:39+5:302021-07-26T16:13:07+5:30
पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। इस आयोग की अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य होंगे।
पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। इस आयोग की अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य होंगे। वहीं इसके दूसरे सदस्य सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन भीमराव लोकुर होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में इसकी जानकारी दी।
ममता बनर्जी ने सोमवार को बताया कि उनकी सरकार ने इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी कराए जाने के आरोपों की पड़ताल के लिए जांच आयोग का गठन किया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में पैनल गठित करने का फैसला किया गया।
बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमें लगा था कि फोन हैक किए जाने की जांच के लिए केंद्र कोई जांच आयोग गठित करेगा या अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाएगा, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए 'जांच आयोग' गठित करने का फैसला किया है।' दो सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य करेंगे। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर इसके दूसरे सदस्य हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'पेगासस के जरिए जिन लोगों का निशाना बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के लोगों के भी नाम सामने आए हैं। केंद्र सबकी जासूसी करने की कोशिश कर रहा है। आयोग अवैध रूप से फोन हैक करने के मामले की पूरी जानकारी का पता लगाएगा।'
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था, जिसके बाद देश और दुनिया भर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।