पेगासस विवाद : कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की

By भाषा | Published: July 20, 2021 02:14 PM2021-07-20T14:14:09+5:302021-07-20T14:14:09+5:30

Pegasus controversy: Congress demands probe by Joint Parliamentary Committee | पेगासस विवाद : कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की

पेगासस विवाद : कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की

नयी दिल्ली, 20 जुलाई कांग्रेस ने पेगासस जासूसी विवाद को लेकर मंगलवार को सरकार पर हमला और तेज कर दिया और मामले में संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग की।

कांग्रेस ने अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाते हुए कार्यवाही भी बाधित की। विपक्षी सदस्यों ने पत्रकारों, नेताओं, मंत्रियों, न्यायाधीशों और अन्य लोगों की इजराइली पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराए जाने के आरोपों पर दोनों सदनों में हंगामा किया और इस संबंध में गहन जांच की मांग की।

इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तय करने के लिए विभिन्न दलों के नेताओं ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुलाकात की। इनमें से कई नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए दोनों सदनों में कार्यस्थगन नोटिस भी दिया था।

कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि उसने पेगासस स्पाईवेयर खरीदा है या नहीं और इस संबंध में संयुक्त संसदीय जांच करानी चाहिए।

गोहिल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने फोन टैपिंग के मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा और संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा और लोकसभा दोनों में कार्यस्थगन नोटिस दिया था।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी की मांग है कि सरकार जासूसी और फोन टैपिंग मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने का आदेश दे।

उन्होंने कहा, ‘‘जो मंत्री इस मामले पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें स्पष्ट रूप से जवाब देना चाहिए कि सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है या नहीं। यदि हां, तो सरकार को पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच का आदेश देना चाहिए।’’

सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के खिलाफ पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जासूसी करने के आरोपों को साफ तौर पर खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि देश के कानून के तहत नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था है ऐसे में अवैध निगरानी संभव नहीं है और आरोप लगाया कि ऐसा करके देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को बताया कि स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए भारत में दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक लोगों के सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को निशाना बनाया गया है।

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Web Title: Pegasus controversy: Congress demands probe by Joint Parliamentary Committee

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