पवन सिंह और खेसारी लाल यादव का झगड़ा पहुंचा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दरबार में, दोनों लगा रहे हैं न्याय की गुहार
By एस पी सिन्हा | Published: May 4, 2022 09:32 PM2022-05-04T21:32:09+5:302022-05-04T21:48:50+5:30
भोजपुरी सिंगर पवन सिंह और खेसारी लाल के बीच का विवाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दरबार में पहुंच गया है। दोनों ही एक दूसरे पर अभद्रता का आरोप लगा रहे हैं।

पवन सिंह और खेसारी लाल यादव का झगड़ा पहुंचा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दरबार में, दोनों लगा रहे हैं न्याय की गुहार
पटना: भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में आजकल भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच चल रहा है 36 का आंकड़ा। दोनों भोजपुरी स्टार अलग-अलग मुद्दों पर एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाते रहते हैं।
पवन सिंह और खेसारी लाल के बीच विवाद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में इन दोनों की लड़ाई अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दरबार में पहुंच चुकी है।
दरअसल भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने 3 दिन पहले नीतीश कुमार के सामने गुहार लगाई थी और यह कहा था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने सीएम नीतीश से मांग की थी कि धमकी देने वालों पर बिहार सरकार सख्त एक्शन ले।
वहीं अब पवन सिंह ने भी बिहार के मुख्यमंत्री के सामने अपनी ओर से एक मांग रख दी है। बीते दिनों एक यूट्यूबर ने खेसारी लाल और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए वीडियो जारी किया था।
उस वीडियो को खेसारी लाले ने अपने फेसबुक और ट्वीटर पर अपलोड करके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्याय की गुहार लगाई थी। इसके साथ ही खेसारी ने बिहार पुलिस से भी मदद मांगी थी। इस यूट्यूबर ने खुद को पवन सिंह का फैन बताया था। यह यूट्यूबर हमेशा खेसारी लाल के खिलाफ वीडियो अपलोड करता रहता है।
इस बीच पवन सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश से अपील की है कि भोजपुरी भाषा की गरिमा को बचाने के लिए कैबिनेट से कानून बनाया जाए।
पवन सिंह ने लिखा है कि बिहार की सभ्यता संस्कृति में भोजपुरी का बहुत ही बड़ा महत्व है। अब गीत-संगीत के जरिये जिस तरह जातिवाद का जहर बोया जा रहा है, उस पर अंकुश लगना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो बिहार की प्रतिष्ठा न धार्मिक स्तर पर, न सामाजिक स्तर पर और न ही राजनैतिक स्तर पर बच सकेगी।
भोजपुरी भाषी कुछ कलाकारों के कारण बिहार में जातिगत उन्माद न फैले इसके लिए आप चूंकि हमारे बिहार की आत्मा हैं। इसलिए मुख्यमंत्री जी आपसे आदर अनुरोध है कि कैबिनेट के माध्यम से शीघ्र ऐसा क़ानून बनाइये। जिससे भोजपुरी भाषा की गरिमा और बिहार के अस्तित्व को बचाया जा सके।
वहीं अब इस पूरे विवाद में खेसारी लाल यादव को दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की याद आ गई है। खेसारी लाल यादव ने अपने ट्वीटर और फेसबुक पर लिखा है कि 'आज बिहार पुलिस मेरे साथ भी वही कर रही है, जो कुछ वक्त पहले भाई सुशांत सिंह राजपूत के साथ हुआ था। ये वही समूह है, जिन्होंने अपने मन से प्राथमिकी दर्ज करके पूरा नाटक किया, जिनसे इनको राजनैतिक लाभ मिला या मिलेगा और आज मुझे हर तरह से दौड़ाया जा रहा है। पुलिस मामले में प्राथमिकी भी नहीं दर्ज कर रही है।