Patna Mahavir Mandir Naivedyam Prasadam: सुधा डेयरी शुद्ध गाय घी से बनाया जाएगा नैवेद्यम?, तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद को लेकर अलर्ट पर पटना हनुमान मंदिर...
By एस पी सिन्हा | Updated: September 28, 2024 15:17 IST2024-09-28T15:17:14+5:302024-09-28T15:17:54+5:30
Patna Mahavir Mandir Naivedyam Prasadam: मंदिर ने सुधा डेयरी के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए तत्काल 100 किलो घी देने का अनुरोध किया है।

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Patna Mahavir Mandir Naivedyam Prasadam: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में पशु चर्बी होने को लेकर उठे विवाद के बाद पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर ने अब निर्णय लिया है कि सुधा डेयरी से शुद्ध गाय का घी लेकर नैवेद्यम बनाया जाएगा। महावीर मंदिर के द्वारा पहले कर्नाटक से नंदिनी डेयरी का घी आता रहा है। लेकिन अब सुधा डेयरी ने शुद्ध गाय का घी देने की पेशकश की है। मंदिर ने सुधा डेयरी के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए तत्काल 100 किलो घी देने का अनुरोध किया है।
महावीर मंदिर के न्यासी आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि पहले बिहार की डेयरी शुद्ध गाय का घी बड़ी मात्र में उपलब्ध नहीं करवा सकती थी, यही कारण रहा कि कर्नाटक से नंदिनी डेयरी का घी आता था। लेकिन सुधा डेयरी के द्वारा पहल किए जाने के बाद अब यह तय हो गया है कि महावीर मंदिर में बिहार के डेयरी का घी इस्तेमाल किया जाएगा। इसे नैवेद्यम बनाकर भक्तों की राय ली जाएगी।
इसके बाद थोक में ऑर्डर देने का निर्णय लिया जाएगा। महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि नंदिनी की तरह सुधा डेयरी भी प्रमाणित करें कि आपूर्ति किया गया घी शुद्ध गाय के दूध से बना है। साथ ही नंदिनी की दर पर या उससे कम दर पर इसे उपलब्ध कराया जाए। बता दें कि अभी नैवेद्यम बनाने के लिए कर्नाटक से नंदिनी डेयरी का घी आता है।
बेंगलुरु से भेजने के बाद भी 590 रुपये प्रति किलो शुद्ध गाय के घी की नंदिनी के द्वारा आपूर्ति की जाती है। पदाधिकारियों के अनुसार महावीर मंदिर पटना ने 2015 से फरवरी 2023 के बीच कई बार सुधा डेयरी के अधिकारियों से नैवेद्यम के लिए शुद्ध गाय का घी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया।
यह अनुरोध महावीर मंदिर पटना के नैवेद्यम् प्रभाग ने सुधा डेयरी के अधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से किया। मगर मंदिर प्रशासन को इसका जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि महावीर मंदिर की ओर से सुधा के अधिकारियों से अंतिम अनुरोध 22 फरवरी 2023 को ई-मेल से किया गया था।