बिहार: क्वरंटाइन सेंटरों में अर्थव्यवस्था पर जारी हंगामे को लेकर पटना हाईकोर्ट ने दिया NGO से मदद लेने का आदेश, सरकार ने बदलाव किये नियम

By एस पी सिन्हा | Published: May 15, 2020 06:20 PM2020-05-15T18:20:39+5:302020-05-15T18:27:31+5:30

पारुल प्रसाद की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को पटना में चल रहे अनाथआश्रम का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया. 

Patna High Court orders NGO to seek help from quarantine centre in uproar over chaos, government changes rules | बिहार: क्वरंटाइन सेंटरों में अर्थव्यवस्था पर जारी हंगामे को लेकर पटना हाईकोर्ट ने दिया NGO से मदद लेने का आदेश, सरकार ने बदलाव किये नियम

बिहार: क्वरंटाइन सेंटरों में अर्थव्यवस्था पर जारी हंगामे को लेकर पटना हाईकोर्ट ने दिया NGO से मदद लेने का आदेश, सरकार ने बदलाव किये नियम

Highlightsसाथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को एनजीओ को सहयोग व निर्देश देते हुए उनसे इस संकट में मदद लेने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को की जाएगी.

पटना: पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार को राज्य में एनजीओ से मिलकर बाहर से बड़ी संख्या में आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए क्वरंटाइन सेंटर व्यवस्थित रूप से चलाने की रोडमैप तैयार करने को कहा है.  पारुल प्रसाद की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को पटना में चल रहे अनाथ आश्रम का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया. 

साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को एनजीओ को सहयोग व निर्देश देते हुए उनसे इस संकट में मदद लेने का निर्देश दिया. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर राज्य में आ रहे हैं. उनके लिए केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार कार्रवाई की जा रही है.क्वरंटाइन सेंटरों पर प्रवासियों को रखने के लिए सभी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही एनजीओ से समन्वय स्थापित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है.

इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को की जाएगी. इस बीच बिहार के क्वारेंटाइन सेंटरों में हर दिन हो रहे हंगामे नीतीश सरकार परेशान हो गई है. प्रवासी बिहारियों के घर वापसी के बाद उन्हें 21 दिन तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखने का फैसला लिया गया था, लेकिन अब क्वारेंटाइन सेंटर में हो रहे हंगामे को देखते हुए 21 दिनों की क्वारेंटाइन पीरियड को घटाकर 14 दिन कर दिया गया है. 

14 दिन के बाद अप्रवासी 7 दिन तक अपने घर में  क्वरंटाइन रह पाएंगे. आपदा प्रबंधन विभाग ने क्वारेंटाइन के नियम में किए गए इस बदलाव के बारे में जानकारी दी है. राज्य सरकार ने खुद यह स्वीकार किया है कि क्वारेंटाइन सेंटर में अनुशासन बनाए रखने के लिहाज से यह बदलाव किया गया है.

खास बात यह है कि जो आप्रवासी क्वारेंटाइन के नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनको न तो राज्य में आने का भाडा मिलेगा और ना ही ऊपर से दी जाने वाली आर्थिक मदद दी जाएगी. क्वारेंटाइन पीरियड का नियमों के साथ पालन करने वाले प्रवासियों को ही सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाएगी. 

यहां बता दें कि पिछले कुछ दिनों से क्वारेंटाइन सेंटर की बदहाली लगातार सामने आ रही थी और लोग सरकार पर बदइंतजामी का आरोप लगाते हुए बवाल काट रहे थे. मुजफ्फरपुर में कल क्वारेंटाइन सेंटर छोडकर प्रवासी मजदूर एनएच पर पर आ गए थे. घंटो तक उन्होंने मुजफ्फरपुर-दरभंगा सडक को जाम कर दिया था. शायद ही कोई ऐसा जिला बचा है, जहां क्वारेंटाइन सेंटर में हंगामा देखने को नहीं मिला हो. इसी किचकिच से बचने के लिए सरकार ने अब 21 दिनों की बजाय 14 दिन के क्वारेंटाइन को मंजूरी दी है.

Web Title: Patna High Court orders NGO to seek help from quarantine centre in uproar over chaos, government changes rules

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