पटना हाईकोर्ट ने रद्द किया 4638 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति का विज्ञापन, दिया नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने का आदेश

By एस पी सिन्हा | Published: February 24, 2023 04:05 PM2023-02-24T16:05:14+5:302023-02-24T16:06:17+5:30

पटना हाइकोर्ट ने बिहार के 12 विश्वविद्यालयों में 4638 सहायक प्रोफेसरों के बहाली को चुनौती देने वाली याचिका पर निर्णय देते हुए बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के द्वारा 2020 में प्रकाशित विज्ञापन को रद्द कर दिया।

Patna High Court canceled the advertisement for the appointment of 4638 assistant professors | पटना हाईकोर्ट ने रद्द किया 4638 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति का विज्ञापन, दिया नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने का आदेश

(फाइल फोटो)

Highlightsअधिवक्ता पी के शाही ने बताया था कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने सहायक प्रोफेसर की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया।इसमें राज्य के सभी 12 विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों में 4638 सहायक प्रोफेसरों के नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था।उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है।

पटना: पटना हाइकोर्ट ने बिहार के 12 विश्वविद्यालयों में 4638 सहायक प्रोफेसरों के बहाली को चुनौती देने वाली याचिका पर निर्णय देते हुए बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के द्वारा 2020 में प्रकाशित विज्ञापन को रद्द कर दिया। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने डॉ अमोद प्रबोध व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई 10 जनवरी 2023 को पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया।

कोर्ट ने नए सिरे से विज्ञापन निकाल कर इन पदों पर बहाली के लिए आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को दिया है। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि कुछ विषयों, अरबी, फारसी व अन्य में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। इनकी संख्या लगभग 150 है। 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पी के शाही ने बताया था कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने सहायक प्रोफेसर की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया। इसमें राज्य के सभी 12 विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों में 4638 सहायक प्रोफेसरों के नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है। लेकिन 4638 सहायक प्रोफेसरों के पद पर बहाली के लिए 1223 पद ही सामान्य श्रेणी के लिए रखे गए। 

ये आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा से कहीं अधिक हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस तरह इस विज्ञापन संवैधानिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन हुआ है। इससे बहुत सारे योग्य उम्मीदवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया। 

उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने इस मामलें पर 20 दिसंबर, 2022 को सुनवाई करते हुए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को अगले आदेश तक किसी भी उम्मीदवार को नियुक्ति पत्र जारी नहीं करने का आदेश दिया था। इस मामलें में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही, अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम और अधिवक्ता सुमन कुमार ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया था।

Web Title: Patna High Court canceled the advertisement for the appointment of 4638 assistant professors

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