नई दिल्ली: संसद के आज से शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि तमाम सवाल-जवाबों के बावजूद संसद की गरिमा बरकरार रहनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, 'ये महत्वपूर्ण सत्र है। इस देश के नागरिक ऐसा सत्र चाहते हैं जिसमें काम हो। नागरिक चाहते हैं कि संसद में राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर बहस हो, देश के विकास के लिए मार्ग खोजे जाएं।'
साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार शीतकालीन सत्र में हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'हमें संसद में बहस करनी चाहिए लेकिन संसद की गरिमा भी बरकरार रहे।'
पीएम ने कहा, 'हम चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हो और साथ में शांति भी हो। हम चाहते हैं संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा..इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के लिए काम आए।'
'आजादी के दीवानों की भावनाओं के प्रति समर्पित हों संसद सत्र'
पीएम ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट से भी सभी को सचेत रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का यह सत्र और आगे आने वाले सत्र भी आजादी के दीवानों की भावनाओं के प्रति समर्पित हों। उन्होंने कहा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव की जो भावना है, उसी भावना के अनुरूप संसद में देश हित में चर्चा हो। देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे जाएं, नए उपाय खोजे जाएं।’
उन्होंने कहा कि इसके लिए यह सत्र विचारों की समृद्धि वाला हो और प्रभाव पैदा करने वाला, सकारात्मक निर्णय वाला बने। उन्होंने कहा कि भविष्य में संसद की कार्यवाही का आकलन हो तो उसे, उसमें किसने कितना अच्छा योगदान दिया, उस तराजू पर तौला जाए ना कि इस तराजू पर तौला जाए कि किसने संसद सत्र को कितना बाधित किया।
गौरतलब है कि इस साल संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा।
(भाषा इनपुट)