Parliament Winter Session: बाबासाहेब को लेकर पैदल मार्च?, तनातनी के बीच लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, पीएम मोदी ने ओम बिरला से की मुलाकात, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 20, 2024 11:55 IST2024-12-20T11:53:59+5:302024-12-20T11:55:37+5:30
Parliament Winter Session LIVE: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोटना, लोकतंत्र का अपमान, ये कांग्रेस के DNA में है।

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Parliament Winter Session LIVE: बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच टकराव के साथ संसद का चल रहा शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो जाएगा। विपक्ष दल विजय चौक से संसद तक मार्च किया। भाजपा ने आज गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि भाजपा के दोनों सांसद(चोटिल सांसद) अस्पताल में हैं, उनकी हालत ठीक है। हमारे NDA के सांसद नाराज हैं, आक्रोशित हैं। हमने उन्हें अच्छे से समझाया है। पीएम मोदी ने ओम बिरला से मुलाकात की।
#WATCH | Congress MP Priyanka Gandhi Vadra says, "This Government is scared. This Government is scared to have a discussion on Adani matter. It is scared of having any discussion. They know that their true sentiments for Ambedkar ji have come out. So, they are now scared of the… pic.twitter.com/SU9LR6xUss
— ANI (@ANI) December 20, 2024
#WATCH | Delhi | BJP MP Nishikant Dubey says, "...I saw Rahul Gandhi climbing up the Makar Dwar, so I and another leader saw this and we decided to give him space. After climbing up, he pushed Pratap Sarangi ji, Santosh Pandey ji who is next to us. Mukesh Rajput ji got pushed and… pic.twitter.com/Xy8TLovrDj— ANI (@ANI) December 20, 2024
सांसद होने के नाते संसद की गरिमा को बनाए रखना चाहिए। बोलने की आजादी है लेकिन हाथापाई नहीं होनी चाहिए, हम चाहते हैं कि संसद शांति से चलना चाहिए। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह सरकार डरती है। यह सरकार अडाणी मामले पर चर्चा करने से डरती है। यह किसी भी चर्चा से डरती है। उन्हें पता है कि अंबेडकर जी के लिए उनकी सच्ची भावनाएं सामने आ चुकी हैं।
#WATCH | Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says, "...This is the last day of the Winter Session. Both Houses will be adjourned sine die today...NDA MPs are very agitated over the conduct of Rahul Gandhi yesterday. He insulted one of the MPs from Nagaland and then… pic.twitter.com/gjtMbN4QFL
— ANI (@ANI) December 20, 2024
#WATCH | On the condition of the two injured BJP MPs Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says, "Two BJP MPs were injured after being pushed by Rahul Gandhi. They are in hospital. Their condition is not very serious. They are stable. Our colleagues have met them. Our MPs… pic.twitter.com/K0LZA4WvNx— ANI (@ANI) December 20, 2024
इसलिए, अब वे विपक्ष से डरे हुए हैं क्योंकि हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार की हताशा है। वे इतने हताश हैं कि वे झूठी FIR दर्ज कर रहे हैं। राहुल जी कभी किसी को धक्का नहीं दे सकते। मैं उनकी बहन हूं, मैं उन्हें जानती हूं। वे ऐसा कभी नहीं कर सकते। सच कहूं तो, देश भी यह जानता है, ये सब ध्यान भटकाने वाली बातें हैं।
#WATCH | Delhi | After meeting two injured BJP MPs in RML hospital, Union Minister Shivraj Singh Chouhan says, "...It is in Congress's DNA to insult democracy... In 1975, Indira ji strangled democracy, today Rahul Gandhi is taking forward that legacy. These people who are full of… pic.twitter.com/QjGqrM18Tw
— ANI (@ANI) December 20, 2024
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोटना, लोकतंत्र का अपमान, ये कांग्रेस के DNA में है। पहले भी 1975 में इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था और लोकतंत्र को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था और वही परंपरा राहुल गांधी आगे बढ़ा रहे हैं। अहंकार से भरे यह लोग अपने सामने दूसरों को कुछ समझते ही नहीं हैं। कल जो आचरण अपनाया गया वो मन को व्यथित करने वाला है।
कल ना केवल लोकतंत्र का गला घोंटा बल्कि आसन का ऐसा अपमान मैंने पहले कभी नहीं देखा। जो अपराधी हैं वो आंदोलन कर रहे हैं। जिन्होंने पाप किया है वो दूसरों की तरफ उंगलियां उठा रहे हैं लेकिन लोकतंत्र का ये अपमान हिंदुस्तान की जनता कभी सहन नहीं करेगी, जिन्होंने सदैव बाबा साहब का अपमान किया, कभी स्मारक तक नहीं बनने दिया। राहुल नेता प्रतिपक्ष के पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।
अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ विपक्षी दलों का प्रदर्शन
कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन के कुछ अन्य घटक दलों के नेताओं ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई "अपमानजनक" टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया। संसद भवन के निकट विजय चौक पर 'इंडिया' गठबंधन के सांसदों ने बाबासाहेब की तस्वीर वाली तख्तियां लेकर नारेबाजी की।
उन्होंने "अमित शाह इस्तीफा दो" और "अमित शाह माफी मांगो" के नारे लगाए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, पार्टी के कई सांसद, झारखंड मुक्ति मोर्चा और ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ अन्य घटक दलों के नेता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। विपक्षी दल संसद के शीतकालीन सत्र में, संसद के मकर द्वार के निकट विरोध प्रदर्शन करते थे, लेकिन बृहस्पतिवार की धक्का-मुक्की की घटना को बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निर्देश दिया कि कोई भी राजनीतिक दल, सांसद और सांसदों का समूह संसद के किसी भी द्वार पर प्रदर्शन नहीं कर सकते।
गृह मंत्री अमित शाह की बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए कल विपक्षी सदस्यों ने मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की।
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की जिस वजह से उसके बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए। भाजपा सासंद मुकेश राजपूत को भी चोट लगी है। दूसरी तरफ, कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के सांसदों ने उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई महिला सांसदों को संसद भवन में जाने से रोका और मुक्की की।
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया।
जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’ दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और यह सुनिश्चित किया कि वह चुनाव में हार जाएं।
निशिकांत दुबे ने शाह का ‘संपादित’ भाषण साझा करने के आरोप में राहुल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
राहुल गांधी पर गृह मंत्री अमित शाह का ‘‘आपराधिक तौर पर संपादित’’ भाषण दिखाने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अध्यक्ष ओम बिरला को विशेषाधिकार हनन का नोटिस सौंपा है। बिरला को भेजे पत्र में दुबे ने आरोप लगाया कि गांधी ने सोशल मीडिया, विशेषकर ‘एक्स’ पर शाह के राज्यसभा में दिए गए भाषण को तोड़-मरोड़ कर उसके ‘‘संपादित’’ अंश को साझा करके ‘‘राजनीतिक दिवालियापन’’ का एक और उदाहरण पेश किया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य जनता की भावनाओं को भड़काना तथा संसद और देश की गरिमा को कम करना है। कांग्रेस ने संविधान पर चर्चा के दौरान शाह के भाषण की एक छोटी क्लिप साझा करते हुए उन पर संविधान निर्माता बाबासाहेब बी. आर. आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है।
गृह मंत्री ने पार्टी पर उनके भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है। दुबे ने कहा कि गृह मंत्री ने अपने भाषण में आंबेडकर के साथ किसी और द्वारा नहीं बल्कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा किए गए आपत्तिजनक व्यवहार का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने संसद की कार्यवाही के साथ-साथ शाह के भाषण को भी चतुराई से और संदर्भ से हटकर उद्धृत किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य न केवल संसद की गरिमा को कम करना था, बल्कि शाह को बदनाम करना भी था।
दुबे ने कहा, ‘‘इस बार उन्होंने (गांधी ने) लोकसभा में विपक्ष के नेता से अपेक्षित विवेकशील व्यवहार की सभी सीमाएं लांघ दीं और इस तरह उन्होंने ‘संसदीय विशेषाधिकारों के उल्लंघन’ और ‘सदन की अवमानना’ का अपराध किया है, जिसके लिए कठोर सजा आवश्यक है।’’ उन्होंने कहा कि यह सजा सदन और इसकी समितियों से उनके तत्काल निलंबन और उसके बाद विशेषाधिकार समिति द्वारा गहन जांच से कम नहीं हो सकती। अब यह अध्यक्ष का विशेषाधिकार होगा कि वह दुबे के पत्र पर क्या कार्रवाई करें।
चौथी बार भाजपा सांसद बने दुबे ने आरोप लगाया कि गांधी के पास अमेरिका स्थित अरबपति निवेशक और उदारवादी कार्यकर्ता जॉर्ज सोरोस को खुश करने के लिए संसदीय कदाचारों की एक लंबी सूची है। उन्होंने गांधी पर अशांति फैलाने के प्रयास का आरोप लगाया और दावा किया कि यह महज संयोग नहीं है कि सरकार या वैधानिक निकायों को निशाना बनाने के लिए ‘‘मनगढ़ंत’’ लेख संसद सत्र से ठीक पहले प्रकाशित किए जाते हैं और कांग्रेस नेता उनका इस्तेमाल महत्वपूर्ण पदाधिकारियों और संस्थानों को बदनाम करने के लिए करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गांधी झूठे और मनगढ़ंत बयानों के जरिए जनता की भावनाओं को हमेशा भड़काते रहते हैं।’’