Parliament Monsoon Session: सरकार ‘जियो पारसी’ योजना लागू कर रही है, जानें क्या है इसका उद्देश्य और लक्ष्य
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 20, 2023 19:00 IST2023-07-20T18:59:17+5:302023-07-20T19:00:24+5:30
Parliament Monsoon Session: ‘‘सरकार ‘जियो पारसी’ योजना लागू कर रही है जिसका उद्देश्य पारसी जनसंख्या घटने की प्रवृत्ति को वैज्ञानिक प्रोटोकॉल के माध्यम से पलटना और संरचनात्मक हस्तक्षेप करके पारसी आबादी को स्थिर करना है।’’

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Parliament Monsoon Session: सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में पारसी समुदाय की जनसंख्या को स्थिर करने के लिए ‘जियो पारसी’ योजना चलाई जा रही है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में डॉ तालारीरंगैया के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ‘जियो पारसी’ योजना लागू कर रही है जिसका उद्देश्य पारसी जनसंख्या घटने की प्रवृत्ति को वैज्ञानिक प्रोटोकॉल के माध्यम से पलटना और संरचनात्मक हस्तक्षेप करके पारसी आबादी को स्थिर करना है।’’ ईरानी ने कहा कि योजना के उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में एक उपलब्धि के रूप में यह योजना 400 से अधिक बच्चों को जोड़ने में सक्षम रही है।
सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगायी
सरकार ने बृहस्पतिवार को गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार, ‘‘गैर-बासमती सफेद चावल (अर्ध-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या नहीं) की निर्यात नीति को मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।’’
हालांकि, इसमें कहा गया है कि इस चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। इसमें इस अधिसूचना से पहले जहाज पर चावल की लदान शुरू होना शामिल है। इसमें कहा गया है कि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की मंजूरी और अन्य सरकारों के अनुरोध पर निर्यात की भी अनुमति दी जाएगी।
जल शक्ति मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को लोकसभा को बताया कि अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में करीब 60 प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचाया गया है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने यह जानकारी दी।
पटेल द्वारा निचले सदन में पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित जाति बहुल/अच्छी खासी आबादी वाले गांवों में 2,18,06,280 परिवारों में से 1,32,64,760 के घरों में नल से जल पहुंचाने का कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद देश के सभी ग्रामीण परिवारों तक नल के कनेक्शन के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करनी है जिसमें अनुसूचित जाति बहुल गांव भी शामिल हैं। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अदालती कामकाज की भाषा को अंग्रेजी से बदलकर हिंदी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर पूछे गये एक प्रश्न के तहत एक सदस्य ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार का अदालती कामकाज की भाषा को अंग्रेजी से बदलकर हिंदी करने का प्रस्ताव है ताकि आम आदमी न्यायिक कार्यवाही को अपनी भाषा में समझ सके?
इसके जवाब में मेघवाल ने कहा, ‘‘नहीं’’। अप्रैल 2022 में भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा था कि देश के संबंधित उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषाओं में काम शुरू करने के संदर्भ में ‘‘कुछ बाधाएं’’ हैं, किंतु उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी थी कि कृत्रिम मेधा (एआई) सहित वैज्ञानिक नवोन्मेष की सहायता से इस मुद्दे का ‘‘निकट भविष्य में समाधान’’ निकाल लिया जाएगा।