पंडोरा पेपर्स खुलासा: भारतीयों और एनआरआई को भेजे गए आयकर नोटिस, सरकार द्वारा गठित बहुएजेंसी कर रही निगरानी
By विशाल कुमार | Published: November 16, 2021 06:58 AM2021-11-16T06:58:32+5:302021-11-16T07:25:35+5:30
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (आईसीआईजे) के तहत 150 से अधिक मीडिया संस्थानों द्वारा किए गए पंडोरा पेपर्स के खुलासे के बाद 4 अक्टूबर को एमएजी का गठन किया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि ये नोटिस आयकर की धारा 131 के तहत भेजी गई हैं जिसका संबंध में आय के कथित छिपाने से होता है.
नई दिल्ली:पंडोरा पेपर्स खुलासा मामले में सरकार द्वारा जांच के लिए गठित बहुएजेंसी ग्रुप (एमएजी) ने खुलासे में शामिल अधिकतर भारतीयों को आयकर विभाग के माध्यम से नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ये नोटिस प्रवासी भारतीयों को भेजे जा रहे हैं और उनसे उनके निवास की स्थिति पूछी जा रही है।
एमएजी के सदस्य एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्रुप की दो बैठक हो चुकी है. एमएजी के प्रमुख सीबीडीटी के अध्यक्ष हैं और इसमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) शामिल है।
ऐसा माना जा रहा है कि ये नोटिस आयकर की धारा 131 के तहत भेजी गई हैं जिसका संबंध में आय के कथित छिपाने से होता है।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (आईसीआईजे) के तहत 150 से अधिक मीडिया संस्थानों द्वारा किए गए पंडोरा पेपर्स के खुलासे के बाद 4 अक्टूबर को एमएजी का गठन किया गया था।
क्या है पंडोरा पेपर्स लीक मामला
पंडोरा पेपर्स लीक संबंधी रिपोर्ट इंटरनेशनल कंसोर्टियम आफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) की ओर से जारी किया गया है।दुनिया भर के 117 देशों के 600 से अधिक पत्रकारों ने करीब 12 मिलियन दस्तावेजों की जांच के बाद वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित खुलासा किया है।
पंडोरा पेपर्स के जरिए मुख्य तौर पर यह खुलासा किया गया है कि कैसे दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोग अपनी संपत्ति छिपा रहे हैं. इसके लिए सैकड़ों पत्रकारों ने महीनों तक दस्तावेजों की जांच की। इस रिपोर्ट में भारत के 300 तो पाकिस्तान के 700 से अधिक लोगों के नाम हैं।
पंडोरा पेपर में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी के नाम भी शामिल हैं।