जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर बौखलाया पड़ोसी देश, पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने मंगलवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया
By भाषा | Published: August 5, 2019 05:44 PM2019-08-05T17:44:27+5:302019-08-05T17:44:27+5:30
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव रखा।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी भारत सरकार के फैसले के कुछ घंटों बाद संसद का एक संयुक्त सत्र मंगलवार को बुलाया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। जियो टीवी की खबर के अनुसार संसद का यह संयुक्त सत्र मंगलवार की सुबह 11 बजे (स्थानीय समयानुसार) आयोजित होगा, जिसमें नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास जम्मू कश्मीर की तनावपूर्ण स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव रखा। इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित क्षेत्र माना गया है।
कार्यालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार द्वारा उठाये गये किसी भी एकतरफा कदम से इस क्षेत्र का दर्जा नहीं बदल सकता है, जैसा कि यूएनएससी के प्रस्तावों में निहित है।’’ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और विपक्षी नेता शहबाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कई राजनीतिज्ञों ने भी भारत के इस कदम की ‘‘कड़ी निंदा’’ की है। इन नेताओं ने इस फैसले को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताया।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इस कदम की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत की कार्रवाई के मद्देनजर राष्ट्रपति को तुरन्त संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए।’’ सूचना और प्रसारण पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ. फिरदौस आशिक अवान ने बताया कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों को ‘‘नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन’’ देना जारी रखेगा।
पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने भारत के इस कदम को ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यूएनएससी और मानवाधिकार संगठन समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाने के साथ-साथ तुरन्त अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया जाना चाहिए।’’ ताजा घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए कश्मीर पर संसदीय समिति की इस्लामाबाद में बैठक होनी है।