Coronavirus Update: पाकिस्तान ने भारत से मांगी मदद, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति के लिए किया अनुरोध
By सुमित राय | Published: April 15, 2020 01:59 PM2020-04-15T13:59:03+5:302020-04-15T14:44:53+5:30
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा है, जिसे कोरोना संक्रमितों के इलाज में उपयोगी माना जा रहा है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और पाकिस्तान में भी इसका कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने भारत से मदद मांगी है और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मांग की है। बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को उपयोगी माना जा रहा है।
तुर्की और मलेशिया के साथ पाकिस्तान भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने के लिए भारत से मांग की है। भारत ने हाल ही में अमेरिका और ब्राजील सहित कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति की है, ताकि कोरोनोवायरस के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनकी मदद की जा सके।
एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच पाकिस्तान ने भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने की मांग की है। बता दें कि पाकिस्ता ने कोरोना वायरस की चपेट में अब तक 5988 लोग आ चुके हैं और 107 लोगों ने इस महामारी से अपनी जान गंवा दी है। पाकिस्तान में कोविड-19 से अब तक 1446 लोग ठीक भी हुए हैं।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की पुरानी दवा है और भारत इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दुनिया को होने वाली सप्लाई का 70 फीसदी भारत बनाता है और भारत की उत्पादन क्षमता हर माह इस दवा का 40 टन उत्पादित करने की है। इस दवा का इस्तेमाल ऑटोइम्यून डिसीसेज जैसे rheumatoid आर्थराइटिस और lupus के इलाज में भी किया जाता है।
भारत ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर बैन लगाया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर कहा कि भारत अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उपलब्ध कराए। बाद में उन्होंने दवा की सप्लाई नहीं करने पर जवाबी कार्रवाई की भी बात की थी।
इसके बाद भारत सरकार ने इन दोनों दवाओं पर लगाए गए बैन को आंशिक रूप से हटा लिया और कहा कि घरेलू जरूरतों का हिसाब लगाने के बाद ही कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देशों की मांग पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति को लेकर फैसला लिया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ उन देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।