पद्मावत विवादः 'SC ने जल्दबाजी में लिया फैसला, नहीं होने देंगे रिलीज- दो हजार महिलाएं जौहर को हैं तैयार'
By रामदीप मिश्रा | Published: January 18, 2018 03:06 PM2018-01-18T15:06:50+5:302018-01-18T15:15:50+5:30
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का राजस्थान सरकार ने स्वागत किया है। प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि सर्वोच्च न्यायायल के फैसले का स्वागत करेंगे, फिलहाल हम आदेश की कॉपी मिलने का इंतजार है।
विवादों से घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' के कई राज्यों में बैन पर गुरुवार (18 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिन राज्यों में फिल्म की रिलीज पर रोक लगी थी सुप्रीम कोर्ट ने उसे हटा दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही राजपूत करणी सेना को तगड़ा झटका लगा। उसका कहना है कि कोर्ट ने जल्दबाजी में फैसला लिया है।
'सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुना हमारा पक्ष'
राजपूत करणी सेना के राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने लोकमत न्यूज हिन्दी से बातचीत करते हुए कहा कि हम पद्मावत फिल्म को पूरे देश में किसी भी हालत में रिलीज नहीं होने देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एक पक्ष को सुनकर फैसला लिया है। हमारा पक्ष नहीं सुना गया है। हो सकता है कि हम इस सिंगल बेंच फैसले के खिलाफ डबल बेंच में जाएं।
जल्दबाजी में कोर्ट ने लिया फैसला
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो जल्दबाजी दिखाई है वह कटघरे में है। अभी चार-दिन सुप्रीम कोर्ट के चार जज बैठकर सवाल उठाते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय को बचा लो, व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं। उसकी खुद कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पद्मावत के रिलीज का फैसला समाज के खिलाफ और उनकी भावनाओं के खिलाफ आया है।
जौहर करने के लिए 2000 महिलाएं तैयार
महिपाल सिंह ने कहा कि चित्तौड़गढ़ में पद्मावत फिल्म के विरोध में 24 जनवरी को जौहर करने के लिए 1800 से 2000 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। राजपूत समाज अपनी आन-बान-शान बचाने के लिए सड़कों पर निकलेगा। हालांकि उन्होंने न्यायालय की शरण लेने के सवाल पर कहा कि अभी इस पर विचार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही बताया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का राजस्थान सरकार ने स्वागत किया है। प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि सर्वोच्च न्यायायल के फैसले का स्वागत करेंगे, फिलहाल हम आदेश की कॉपी मिलने का इंतजार है। इस मामले को लेकर विधि विभाग से राय ली जाएगी। इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। साथ ही प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में सिनेमा हॉल जलाने की चेतावनी
छत्तीसगढ़ में फिल्म का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने उन सिनेमा घरों को जलाने की धमकी दी है जिनमें फिल्म रिलीज होगी। प्रदर्शनकारियों ने अंतिम चेतावनी दी है। महारानी पद्मावती हमारी आन बान शान की प्रतीक हैं और अगर छत्तीसगढ़ में फिल्म लगेगी तो इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। जहां पद्मावत चलेगी वो सिनेमाघर जलेगा।
CJI ने कहा- कानून व्यवस्था संभालना सरकार का काम
विवादों से घिरी फिल्म पद्मावत के बैन पर लगी याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने की। अदालत ने कहा कि पद्मावत पर देश के किसी भी राज्य में बैन नहीं लगेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून व्यवस्था संभालना सरकार का काम है। भंसाली की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे अदालत में पेश हुए थे।
फिल्म को दिया गया यू/ए सर्टिफिकेट
सीबीएफसी ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट दिया है। सीबीएफसी ने फिल्म का नाम पद्मावती से बदलकर पद्मावत रखने का सुझाव दिया था जिसे निर्माताओं ने मान लिया। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में छह बदलाव के लिए कहा था जिसके बाद उसे प्रमाण पत्र दिया गया। राजस्थान का संगठन राजपूत करणी सेना फिल्म में रानी पद्मावती के चित्रण को लेकर ऐतराज जता रहा है। फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में है। फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत पर आधारित है।
इन राज्यों में हुई थी फिल्म बैन
फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणपत्र मिलने के बावजूद एक के बाद एक चार बीजेपी शासित राज्यों राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर प्रतिबंधित कर दिया गया। फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली ने इन राज्यों द्वारा बैन लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।