पी चिदम्बरम ने कहा- 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लिए देश को पीएम और एफएम की जरूरत नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 12, 2019 09:22 AM2019-07-12T09:22:22+5:302019-07-12T09:24:48+5:30
पी चिदम्बरम ने पूर्व प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं और मनमोहन सिंह सोचते थे कि काश हमें भी इतना बड़ा मैंडेट मिलता. हमने पहली सरकार 145 सांसद और दूसरे कार्यकाल में 206 सांसदों के साथ सरकार चलायी. आपके पास तो 303 सांसद हैं, फिर भी आपने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कोई साहसिक कदम नहीं उठाया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने मोदी सरकार के 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने के दावे का मजाक उड़ाया है. चिदम्बरम के मुताबिक, अर्थव्यवस्था हर 6-7 साल में दोगुनी हो जाती है और उन्होंने इसे 'मैजिक ऑफ़ कंपाउंड इंटरेस्ट' बताया.
उन्होंने कहा कि इसके लिए देश को किसी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की जरूरत नहीं है. इस लक्ष्य को प्राप्त करना उसी तरह है जैसे चंद्रयान को चंद्रमा पर लैंड करवाना. यह एक सहज प्रक्रिया है. 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था एक सिंपल अर्थमेटिक है.
पी चिदम्बरम ने कहा कि सरकार को जिस तरह से विशाल मैंडेट मिला था उसकी छाप बजट में देखने को नहीं मिली. अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कोई बोल्ड कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सतत विकास के लिए स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स की जरूरत थी लेकिन सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी प्रयास बजट में देखने को नहीं मिला.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए बजट पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा टैक्स संग्रह का लक्ष्य जो बजट में रखा गया है वो पूरी तरह से अवास्तविक है. उन्होंने सरकार के इस दावे पर भी सवाल उठाया कि आगे आने वाले वर्षों में घरेलु बचत बढ़ने से निवेश में बढ़ोतरी होगी.
उन्होंने मिडिल क्लास को बजट में किसी भी प्रकार के छूट नहीं मिलने की बात कर सरकार के दावे को खारिज किया. उन्होंने कहा कि हाउसहोल्ड्स की इनकम नहीं बढ़ेगी तो घरेलु बचत भी नहीं बढ़ेगा और घरेलु बचत नहीं बढ़ेगा तो निवेश में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होगी.
पी चिदम्बरम ने पूर्व प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं और मनमोहन सिंह सोचते थे कि काश हमें भी इतना बड़ा मैंडेट मिलता. हमने पहली सरकार 145 सांसद और दूसरे कार्यकाल में 206 सांसदों के साथ सरकार चलायी. आपके पास तो 303 सांसद हैं, फिर भी आपने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कोई साहसिक कदम नहीं उठाया और यही हमारी शिकायत है.