पी चिदंबरम का सरकार पर हमला, बोले- "संसदीय लोकतंत्र में इससे ज्यादा क्या खराब हो सकता है कि बिना चर्चा के बजट पास हो गया"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 24, 2023 09:36 AM2023-03-24T09:36:34+5:302023-03-24T09:40:06+5:30

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि संसदीय लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा क्या खराब स्थिति हो सकती है कि देश के विकास में खर्च होने वाले बजट को संसद में बिना चर्चा के पास कर दिया गया।

P Chidambaram's attack on the government, said- "What can be worse in a parliamentary democracy than passing the budget without discussion" | पी चिदंबरम का सरकार पर हमला, बोले- "संसदीय लोकतंत्र में इससे ज्यादा क्या खराब हो सकता है कि बिना चर्चा के बजट पास हो गया"

फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने संसद से पास हुए बजट पर घेरा मोदी सरकार को केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 45,03,097 करोड़ रुपये का बजट पास किया है  चिदबंरम ने कहा कि संसद में बिना जनप्रतिनिधियों के बीच हुई चर्चा के बजट पास होना शर्मनाक है

दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि संसदीय लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा क्या खराब स्थिति हो सकती है कि देश के विकास में खर्च होने वाले बजट को संसद में बिना चर्चा के पास कर दिया जा रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वित्त मंत्रालय की कमान संभाल चुके पी चिदंबरम ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, "संसदीय लोकतंत्र का 'सबसे खराब संदेश' बिना चर्चा के बजट को मंजूरी देना है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में  45,03,097 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रवधान किया गया है लेकिन उस बजट पर जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई चर्चा के बिना पास किया जा रहा है।"

पी चिदरंबरम की यह टिप्पणी लोकसभा द्वारा एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के खर्च वालेकेंद्रीय बजट को सदन में बिना किसी चर्चा के मंजूरी देने के एक दिन बाद आई है।

दरअसल संसद का वर्तमान सत्र जोरदार हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। लोकसभा में अनुदान और विनियोग विधेयकों की मांगों को दो स्थगन के बाद उठाया गया क्योंकि सत्ताधारी और विपक्षी सांसदों के बीच चर रही तीखी तकरार के कारण सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

संसद के दोनों सदनों में सत्तापक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में 'लोकतंत्र खतरे में है' वाले बयान पर माफी की मांग कर रहा है वहीं विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उद्योगपति गौतम अडानी के रिश्ते को लेकर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण और मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन पर अड़ा हुआ है। इस कारण संसद में जमकर जुबानी युद्ध हो रहा है और सारी कार्यव्यवस्था बाधित हो रही है।

सत्ता और विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का ज्यादातर हिस्सा रद्द हो गया और इस कारण से सरकार ने बजट बिना किसी चर्चा के पारित करवा लिया।

Web Title: P Chidambaram's attack on the government, said- "What can be worse in a parliamentary democracy than passing the budget without discussion"

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