आईएनएक्स मीडिया मामले तिहाड़ की जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। चिदंबरम को जेल की रोटियां कम, बल्कि दाल और चावल अधिक भा रही हैं। इतना ही नहीं उन्हें जेल की गर्मी और अंदर से आने वाली बदबू परेशान कर रही है। जिससे उनके नींद में खलल पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम जेल के विचाराधीन कैदी नंबर-1449 बने हैं और वह जेल नंबर-7 में कैद हैं। वह जेल में गर्मी और रह-रहकर आने वाली बदबू से परेशना हैं। हालांकि उन्होंने इस मामले में जेल प्रशासन से शिकायत नहीं की है। बताया जा रहा है जेल में बढ़ते कैदियों की भीड़ की वजह से न केवल इस जेल से बदबू आती ही बल्कि तिहाड़ के अन्य जेल से भी बदबू आती है।
जानिए जेल में पी चिदंबरम की दिनचर्या
तिहाड़ जेल में लकड़ी के तख्ते पर करवटें बदलते हुए रात बिताने के बाद पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने दिन की शुरूआत जेल परिसर में टहलने के साथ कर रहे हैं, इसके बाद उन्होंने कुछ धार्मिक किताबें पढ़ीं और बेटे कार्ति के साथ मुलाकात की। हाल ही में सूत्रों ने इसकी जानकारी दी थी। सूत्रों ने बताया था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता को बृहस्पतिवार की शाम तिहाड़ जेल में लाया गया था और वह रात को ज्यादा सो नहीं सके।
उन्होंने बताया कि उन्होंने धार्मिक ग्रंथ और समाचार पत्र पढ़ कर अपनी सुबह बितायी। इससे पहले उन्होंने अपने सुबह की शुरूआत जेल परिसर में टहलने तथा सुबह छह बजे दलिया खाकर और चाय पीने के साथ की । इसके बाद दिन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के बेटे ने उनसे मुलाकात की। उनके अधिवक्ता भी उनसे मिले । शुक्रवार (6 सितंबर) की रात के खाने में चिदंबरम को दाल, रोटी, चावल और सब्जी दी गयी। उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है।
यहां सामान्य तौर पर उन लोगों को रखा जाता है जो प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में आरोपी होते हैं । कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकारों के दौरान वित्त एवं गृह मंत्री रह चुके वरिष्ठ राजनेता को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। चिदंबरम 16 सितंबर को 74 साल के हो जायेंगे और अगर इससे पहले उन्हें जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें अपना जन्मदिन जेल में ही बिताना होगा।
कारागार अधिकारी ने बताया कि अदालत के आदेशानुसार उन्हें अलग प्रकोष्ठ और पश्चिमी शैली के शौचालय की सुविधा दी गयी है । इसके अलावा उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी गयी है । अन्य कैदियों की तरह कांग्रेस नेता कारागार के पुस्तकालय तक जा सकते हैं और एक खास समय तक वह टीवी देख सकते हैं। चिदंबरम को उनका विशेष प्रकोष्ठ दिये जाने से पहले उन्होंने अनिवार्य मेडिकल परीक्षण करवाया। पिछले साल इसी मामले में, चिदंबरम का बेटा कार्ति इसी प्रकोष्ठ में 12 दिनों तक बंद था।